भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष षष्ठी रविवार 9 अगस्त को हलषष्ठी पूजा की जाएगी। महिलाएं इस दिन व्रत रखकर पूजा करेंगी। इस दिन माताएं अपनी संतान की दीर्घायु के लिए व्रत व पूजा करती हैं। भोपाल में मां चामुंडा दरबार के पुजारी पं. रामजीवन दुबे गुरुजी ने बताया कि यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के ज्येष्ठ भ्राता बलरामजी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। व्रतधारी के दौरान महिलाएं पसाई धान के चावल एवं भैंस के दूध का उपयोग करती हैं।
ज्योतिषाचार्य सतीश सोनी के अनुसार, भगवान बलराम का प्रधान शस्त्र हल तथा मूसल है। हल धारण करने के कारण भी बलरामजी को हलदार नाम से भी जाना जाता है। भगवान बलराम माता देवकी और वासुदेव की सातवीं संतान हैं। यह पर्व श्रावण पूर्णिमा के 6 दिन बाद विभिन्ना नामों के साथ इसे चंद्रषष्ठी बलदेव छठ रंधन षष्ठी कहते हैं।
इस दिन महिलाएं संतान प्राप्ति अथवा संतान की रक्षा के लिए व्रत रखती हैं। षष्ठी का पर्व 9 अगस्त को सुबह 4 बजकर 18 मिनट से प्रारंभ होकर 10 अगस्त की सुबह 6 बजकर 42 मिनट तक रहेगी।