रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शनिवार को 134 नए संक्रमित मिलने के बाद सक्रिय मरीजों की संख्या 1126 जा पहुंची है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग बिस्तरों की व्यवस्था बढ़ाने में जुटा है। सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने बताया कि 110 बिस्तरों का माना अस्पताल मरीजों से भरा हुआ है। लालपुर में 100 और आयुर्वेदिक कॉलेज में 200 बिस्तरों की व्यवस्था पहले ही की गई थी। यहां संक्रमितों को भर्ती किया जाएगा। इधर इंडोर स्टेडियम में बनाए गए अस्थायी कोविड-19 अस्पताल में कोरोना मरीजों की भर्ती आज से शुरू कर दी गई है। पहले दिन 19 मरीज भर्ती किए गए। विभाग ने बताया कि हॉस्पिटल में मरीजों के मनोरंजन के लिए भी एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था की गई है, जिसमें मोटिवेशनल मूवी व धारावाहिक प्रसारित होंगे।
नगर निगम कमिश्नर सौरभ कुमार, सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल, अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने अस्पताल का निरीक्षण कर तमाम व्यवस्थाओं की समीक्षा की। इधर एम्स के डायरेक्टर डॉ. नितिन एम नागरकर ने बताया कि कोविड-19 वार्ड में वर्तमान में 280 पॉजिटिव और 28 संदिग्ध रोगी हैं। इनमें चार बच्चे और तीन गर्भवती महिलाएं हैं। डॉ. नागरकर ने कहा है कि प्रदेश में टेस्ट बढ़ने के साथ ही पॉजिटिव रोगियों की संख्या भी बढ़ रही है। ऐसे में शारीरिक दूरी और मास्क का इस्तेमाल आवश्यक हो जाता है। अगले दो महीने अहम होंगे।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि रायपुर में एम्स के तीन डॉक्टर, गोयल अस्पताल के दो क्लीनर, पुलिस, फेरीवाला, जीएसटी ऑफिस के तीन अधिकारी, तीन क्लर्क और एक कार्यालय सहायक समेत 134 पॉजिटिव मिले हैं। टाटीबंध, विवेकानंद आश्रम के पास, हीरापुर, समता कॉलोनी, देवेंद्र नगर, नयापारा, मठपुरैना, राम नगर, राधास्वामी नगर, गोपाल नगर, गांधी चौक, डंगनिया, शिवानंद नगर, मंगल बाजार, टिकरापारा, बैकुंठ सेंचुरी, देवपुरी गांधी चौक, एसबीआइ ऑफिस कैंपस डूंडा, वासुदेव पारा रामकुंड, अभनपुर, संजय नगर, तात्यापारा, तिल्दा सहित अन्य इलाकों जहां संक्रमित मिले हैं, उन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित करने की तैयारी है।
कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने बताया कि रायपुर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों को देखते हुए प्रशासन ने होम आइसोलेशन करने की अनुमति दे दी है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में होम आइसोलेशन की प्रक्रिया पहले डॉक्टरों पर लागू की जाएगी। यह सफल होने पर कोरोना पॉजिटिव पाए गए कैटेगरी सी के मरीजों को होम आइसोलेशन करने की अनुमति प्रदान की जा सकती है। मरीज के परिजनों और पड़ोसियों की भी समुचित काउंसलिंग की जाएगी। होम आइसोलेशन के लिए जरूरी है कि मरीज के घर में अलग हवादार कमरा और शौचालय हो। होम आइसोलेशन की संपूर्ण अवधि के दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से नियुक्त स्वास्थ्य कर्मी प्रतिदिन मरीज और उनके अटेंडेंट से फोन के माध्यम से संपर्क में रहेंगे।
मरीज को सांस लेने में कठिनाई, सीने में लगातार दर्द या दबाव हो या चेहरे का नीला पड़ना, आल्टर्ड सेंसोरियम जैसे गंभीर लक्षण होने पर उन्हें तत्काल समीपस्थ डेडिकेटेड हॉस्पिटल में पहुंचाने की व्यवस्था प्रशासन करेगा। स्थानीय स्तर पर निगरानी दलों की व्यवस्था की जाएगी। यदि मरीज की ओर से आइसोलेशन प्रोटोकोल के किसी भी निर्देश की अवहेलना की जाती है तो उन्हें तत्काल केयर सेंटर में शिफ्ट कर दिए जाएगा। एकेडमी के संबंधित प्रावधानों के तहत उन पर कार्यवाही भी की जा सकती है।
जिले में बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए वाहनों की संख्या बढ़ाई गई है। कोरोना संक्रमितों को अस्पताल पहुंचाने, इलाज बाद स्वस्थ्य व्यक्तियों को घर तक पहुंचाने और प्राथमिक रूप से कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए व्यक्तियों को क्वारंटाइन सेंटर तक पहुंचाने के लिए वाहनों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। पहले से उपलब्ध रायपुर एम्बुलेंस सर्विस की 6 बस, 108 के 5 वाहनों के अतिरिक्त अब छत्तीसगढ़ एम्बुलेंस सेवा संघ की 10 तथा 25 अन्य बसों की व्यवस्था मरीजों के परिवहन के लिए की गई है। जिले में कोरोना संक्रमितों को अब अस्पताल तक पहुंचाने में देरी नहीं होगी। शहर के सभी जोन में एक बस और एक एम्बुलेंस, बिरगांव को चार बस तथा एम्स, मेकाहारा, माना हॉस्पिटल, लालपुर हॉस्पिटल और इंडोर स्टेडियम हॉस्पिटल से स्वस्थ्य मरीजों को घर तक पहुंचाने के लिए अलग से चार बसों की व्यवस्था की गई है।