Home वायरस ✍ छत्तीसगढ़ में तेजी से कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या………

✍ छत्तीसगढ़ में तेजी से कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या………

वहीं एक जिले में आंकड़ा 300 पार जा चुका है

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ते कोरोना के मामलों में चार जिले ऐसे हैं। जहां 200 से अधिक पॉजिटिव केस मिले हैं। वहीं एक जिले में आंकड़ा 300 पार जा चुका है। अन्य जिलों की अपेक्षा इन पांच जिलों में मरीजों की बढ़ती संख्या के पीछे खास वजह सामने आ रही है। इसमें किसी में प्रवासी मजदूर तो कहीं राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल हिस्ट्री मुख्य वजह है।

अब जितने भी मरीज प्रदेश में मिले हैं। उसमें अधिकांश क्वारंटाइन सेंटरों में जांच के बाद पॉजिटिव पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बताया बाहर से आने वाले लोगों को क्वारंटाइन कर लक्षण के आधार पर सैंपल जांच किया जा रहा है। जांच के बाद मरीजों के पॉजिटिव पाए जाने पर तुरंत इलाज की सुविधा दी जा रही है। वहीं कांटेक्ट हिस्ट्री के आधार पर भी संदेहियों पर नजर रखा जा रहा है।

चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार प्रदेश में प्रवासी मजदूरों के आने की संख्या अब काफी कम हो गई है। लेकिन बाहर से आने वाले लोगों से व संक्रमण का दायरा फैलने के साथ ही साथ यह सामाजिक स्तर पर भी पहुंच चुका है। प्रदेश में मिले लगभग 10 फीसद ऐसे कोरोना संक्रमित मिले हैं। जिनकी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं रही बावजूद वह संक्रमित मिले। इसमें से अधिकांश कहा से संक्रमित हुए इसकी जानकारी भी नहीं मिल पाई। वहीं संक्रमितों के कांटेक्ट में आने के बाद अब एक के बाद एक मरीज संक्रमित मिलते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में सामाजिक संक्रमण के खतरे की संभावना जताई जा रही है।

प्रदेश में सबसे अधिक मामले कोरबा जिले में सामने आए हैं। यहां अब तक 306 मरीज मिले। इसकी मुख्य वजह यहां 50 फीसद तब्लिगी जमात और उससे संक्रमित लोगों की संख्या सबसे अधिक देखी गई। जबकि 50 फीसद मजदूर वर्ग और अंतरराज्यीय ट्रैवल हिस्ट्री व अन्य संक्रमित मरीज शामिल हैं।

राजनांदगांव महाराष्ट्र सीमा से लगा हुआ है। महाराष्ट्र से जिले में पैदल व सड़क मार्ग से काफी प्रवासी मजदूर लौटे। इसके अलावा अंतरराज्यीय ट्रैवल हिस्ट्री के चलते संक्रमण के मामले सामने आए हैें। यहां 60 फीसद मजदूर व वहीं सामाजिक संक्रमण के केस भी देखने को मिले।

छत्तीसगढ़ का केंद्र होने की वजह से हवाई, रेल व सड़क मार्ग से यहां लोग पहुंचे। रायपुर में सभी तरह के लोग संक्रमित हुए हैं। चूंकि एम्स, आंबेडकर, माना अस्पताल में सबसे अधिक मरीजों का इलाज हुआ। चिकित्सक व चिकित्सा कर्मी सबसे अधिक रायपुर में ही संक्रमित हुए।

प्रदेश में बलौदाबाजार जिले से हर साल सबसे अधिक मजदूर पलायन करते हैें। ऐसे में कोरोना संक्रमण की वजह से हजारों मजदूर घर लौटे। यहां मिल संक्रमितों में लगभग 80 फीसद से अधिक प्रवासी मजदूर हैं। इसके अलावा अन्य मरीज शामिल हैं।

जांजगीर-चांपा जिले में भी संक्रमित मरीजों के सबसे अधिक संख्या होने का कारण प्रवासी मजदूरों को बताया गया है। यहां पर 80 से 85 फीसद प्रवासी मजदूर संक्रमित पाए गए हैं। वहीं अन्य राज्यों और विदेशों से लौटे लोग भी कोरोना संक्रमण के दायरे में आए है।

जानकार सूत्रों द्वारा पता चला कि राज्य में कोरोना के जितने भी मामले सामने आए हैं। इसमें से 60 फीसद से अधिक प्रवासी मजदूरों के हैं। लेकिन अब जो केस मिल रहे हैं। इसमें विदेशी, अंतरराज्यीय, संक्रमितों के संपर्क में आए, चिकित्सा कर्मी और सामाजिक संक्रमण के शिकार मरीज हैं। धीरे-धीरे हम सामाजिक संक्रमण की ओर बढ़ते जा रहे हैं। इसे रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग पहल तो कर रहा है। लोगों को भी जागरूक होकर एहतियात बरतने की जरूरत है।

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