रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के आदेश की भी बस ऑपरेटर्स ने हवा निकाल दी है। सरकार के आदेश के बाद भी प्रदेश में बसों का संचालन शुरू नहीं हो पाया, क्योंकि बस ऑपरेटर बस संचालन को लेकर किराया वृद्धि की मांग कर रहे हैं। बस ऑपरेटरों की मांग पूरी होने के बाद ही सड़कों पर बस दौड़ेंगी। यदि राज्य सरकार बस ऑपरेटरों की बात नहीं मानता है तो बस का संचालन पूरी तरह से बंद रहेगा। प्रदेश भर में बस चलाने के लिए बस ऑपरेटरों और परिवहन मंत्री से शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक होने वाली थी, लेकिन किसी कारण बैठक नहीं हो पाई। शनिवार को बैठक रखी गई है। बस चलाने को लेकर बैठक में अहम निर्णय लिए जाएंगे। बस ऑपरेटर संघ का कहना है कि हमारी मांग पूरी होगी, तभी बस का संचालन होगा, अन्यथा एक भी बस नहीं चलेगी।
ज्ञात हो कि कोरोना के खौफ के चलते 23 मार्च से बसों का संचालन बंद था। राज्य सरकार ने गुरुवार को बस का संचालन करने के लिए अनुमति प्रदान कर दिया है, लेकिन राज्य शासन के आदेश के विपरीत बस संचालकों ने बस चलाने को लेकर असमर्थता जताई है। बस ऑपरेटरों का कहना है कि बसों के पहिए पिछले साढ़े तीन माह से थमे हुए हैं। इस वजह से बसों को बगैर सर्विसिंग के नहीं चलाया जा सकता।
ऑपरेटरों ने अन्य राज्यों की तरह राज्य सरकार से लॉकडाउन में हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए लॉकडाउन के समय को छोड़कर छह महीने के रोड टैक्स माफ करने की मांग की है। इसके साथ ही ऑपरेटरों ने शारीरिक दूरी का पालन करने बसों में सवारियों की संख्या आधी होने तथा डीजल की बढ़ी हुई कीमत का हवाला देते हुए 40 प्रतिशत किराया भाड़ा बढ़ाने पर बस संचालन करने की बात कही है।
बस संचालन को लेकर परिवहन मंत्री के साथ बैठक होने वाली थी, लेकिन टल गई है। राज्य सरकार यदि हमारी मांगें मानेगी, तभी बसें चलेंगी, अन्यथा नहीं चलेंगी।