रायगढ़।छत्तीसगढ़ में हाथियों के मरने का सिलसिला थम नही रहा। पिछले 13 दिनों में 5 हाथियों की मौत के बाद गुरुवार की सुबह एक और हाथी की मौत हो गई। रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ डिवीज़न की छाल रेंज अंतर्गत बेहरमार में एक हाथी मरा हुआ मिला है। यह वयस्क नर हाथी है। कोरबा व रायगढ़ में पिछले दो साल में करीब 18 लोगों को मौत के घाट उतार चुके गणेश हाथी के रूप में इसकी पहचान की जा रही है। इस मामले में धरमजयगढ़ डीएफओ का कहना है कि हाथी की मौत किन कारणों से हुई है ये पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगा। प्रारम्भिक जांच में उसके शरीर में कोई चोट के निशान नहीं मिले हैं।
मृतक हाथी गणेश है या नहीं यह अभी बताना जल्दबाजी होगी। फिलहाल मौके पर टीम जांच कर रही है। यह बताना आवश्यक होगा कि हिंसक गणेश हाथी का कॉलर आईडी गिर गया था और पुनः ट्रेंकुलाइज कर रेडियो कॉलर आईडी पहनाने के लिए वन विभाग की टीम तलाश कर रही थी, लेकिन उसका लोकेशन नहीं मिल पा रहा था।
ग्रामीण सूत्रों का कहना है किमृतक हाथी संभवतः गणेश है, जिसे कॉलर आईडी लगाया गया था। लेकिन कुछ माह पहले ही उसके गले से रेडियो कॉलर आईडी गिर गया था। फिर से गणेश का रेस्कयू करने वन विभाग द्वारा तमाम कोशिश भी की गई थी, लेकिन गणेश की पहचान नहीं हो पा रही थी। हालांकि अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है कि मृत हाथी गणेश ही है।
छत्तीसगढ़ में इन सभी हाथियों की जान 9 जून से लेकर 18 जून के बीच गई। सूरजपुर के प्रतापपुर में 9 और 10 जून को एक गर्भवती हथिनी समेत 2 हथिनी की मौत हुई थी। बलरामपुर के अतौरी के जंगल में 11 जून को 1 हाथिनी की मौत हुई। धमतरी के माडमसिल्ली के दलदल में 15 जून को एक हाथी के बच्चे की मौत । रायगढ़ के धरमजयगढ़ में 16 और 18 जून को 2 हाथियों की मौत हुई।