बीते महीने बंगाल की खाड़ी में उठे भीषण चक्रवात से मची तबाही से अभी पश्चिम बंगाल व ओडिशा उबरे नहीं थे कि अब एक और समुद्री तूफान का खतरा आन खड़ा हुआ है। यह एक सदी में पहला ऐसा चक्रवाती तूफान होगा जो अरब सागर में विकसित होने के बाद मुंबई से टकराने जा रहा है। संभावना है कि 3 से 4 जून के बीच यह तूफान तटों से टकराएगा। इससे 7 शहर मुख्य तौर पर प्रभावित होंगे। यहां भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा 160 गांवों पर खतरा मंडरा रहा है। यह चक्रवाती तूफान गुजरात की समुद्री सीमाओं पर आने वाला है। इससे महाराष्ट्र भी प्रभावित होगा।
गुजरात और पड़ोसी राज्यों की तुलना में मुंबई समेत महाराष्ट्र के तटवर्ती जिले बुरी तरह प्रभावित होंगे। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने सोमवार को यह जानकारी दी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के विज्ञानी आनंद कुमार दास ने सोमवार को कहा कि गुजरात में सूरत के तट से करीब 920 किलोमीटर दूर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम दिशा में अरब सागर के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र विक्षोभ में बदल गया है। अगले 36 घंटे में यह चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा।
कम दबाव का क्षेत्र और विक्षोभ के आधार पर चक्रवाती तूफान की तीव्रता मापी जाती है। यह उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के बीच हरिहरेश्वर और दमन से तटों से तीन जून की शाम को गुजरेगा। अहमदाबाद में आइएमडी केंद्र के निदेशक जयंत सरकार ने कहा कि निसर्ग तूफान करीब 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तटों से टकराएगा। इसकी वजह से तीन और जून को दक्षिणी गुजरात के साथ ही सौराष्ट्र के भावनगर और अमरेली जिलों में भारी बारिश होगी।
गुजरात के तटवर्तीय इलाके से अरब सागर में करीब 120 किमी दूरी पर लॉ प्रेशर के बाद सोमवार को अचानक डीप डिप्रेशन में तब्दील हो जाने से दक्षिण गुजरात व सौराष्ट्र के कई जिलों में मौसम अचानक बदल गया तथा सोमवार को गुजरात के कई शहरों में बूंदाबादी हुई जबकि भावनगर में भारी बरसात हुई। इससे पहले अरब सागर में बने डीप डिप्रेशनके चलते गुजरात के कई शहरों में बरसात हुई व तेज हवाएं चली। गुजरात में समुद्री तूफान की आशंका के चलते मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने प्रदेश के आला अधिकारियों व दक्षिण गुजरात व सौराष्ट्र के जिला कलक्टर के साथ वीडियो कॉन्फ्रेन्स पर बात कर हालात का जायजा लिया। 3 से 4 जून के बीच तूफान के गुजरात की तटवर्ती सीमा पर टकराने की आशंका है।
निसर्ग तूफान से मुंबई समेत महाराष्ट्र के तटवर्ती जिले सिंधूदुर्ग, रत्नागिरी, ठाणे, रायगढ़ और पालघर बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं। भारी बारिश की वजह से इन जिलों के निचले इलाकों में पानी भरने की संभावना है। तेज हवा के चलते पेड़, टेलीफोन लाइन, बिजली के पोल को भी नुकसान पहुंचने की आशंका है।
सम विभाग के अनुसार सूरत, वलसाड, नवसारी, डांग, भावनगर, अमरेली, दीव की समुद्री सीमा पर तुफान टकरा सकता है। गुजरात के करीब 160 गांव इस तूफान के चलते प्रभावित हो सकते हैं। इसके चलते 80 से 100 किमी प्रति घंटे की गति से तेज़ हवाएं चलेगी।
तूफान के तटों से टकराने से पहले ही मुंबई, ठाणे और दहानु तथा आसपास के भागों में 60 से 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से हवाएँ चलेंगी।
तूफान ‘निसर्ग’ के चलते मध्य महाराष्ट्र क्षेत्र, गुजरात, दादरा व नगर हवेली, दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान पर भी प्रभाव दिखेगा। इन भागों में 3 जून से 5 जून के बीच अच्छी बारिश हो सकती है।
– रायगढ़ से दहानु के बीच 3 और 4 जून को भीषण वर्षा के कारण निचले इलाकों में पानी भर सकता है। कुछ इलाकों में बाढ़ का भी खतरा रहेगा।
– स्कायमेट वेदर के अनुसार 3 जून को जब यह लैंडफॉल करने के करीब होगा उस समय से लेकर 4 जून के बीच रायगढ़ से लेकर पालघर, दमन व दीव तथा गुजरात के वलसाड और नवसारी समेत आसपास के इलाके व्यापक रूप में प्रभावित होंगे।
– अनुमान है कि 3 जून की रात को मुंबई के पास रायगढ़ से दमन के बीच से लैंडफॉल कर सकता है। तूफान निसर्ग की समुद्री यात्रा बहुत लंबी नहीं होगी जिससे इसके कटेगारी-1 में ही रहने के आसार हैं।
– चक्रवाती तूफानों का इतिहास देखें तो पिछले 100 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ जब अरब सागर में विकसित होने वाला कोई चक्रवाती तूफान जून में बना हो और महाराष्ट्र के तटों से टकराया हो।
मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने को कहा गया है, दक्षिण गुजरात व सौराष्ट्र के समुद्री क्षेत्रों में खतरे के निशान वाला सिग्नल लगाया गया लोगों को घर से बाहर निकलने से मना किया गया है तथा निचले इलाके में बसे लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में जाने के निर्देश दिए हैं।
समुद्री तुफान के गुजरात के तटीय इलाकों में टकराने की आशंका के चलते मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने सोमवार को गांधीनगर में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जिसमें मुख्य सचिव अनिल मुकीम, सौराष्ट्र व दक्षिण गुजरात के जिला कलक्टर व आपदा प्रबधन के आला अधिकारी शामिल हुए। सरकार ने एनडीआरएफ की 10 तथा एसडीआरएफ की 5 टीमों को प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है। अहमदाबाद, सूरत की फायर ब्रिगेड को भी तैयार रहने को कहा है।