सोनहत- छत्तीसगढ़ की अंतिम सीमा पर बसे ग्रामपंचायत दसेर जो अभी नवीन ग्रामपंचायत बनी है पूर्व में यह आनंदपुर पंचायत का आश्रित ग्राम था यहां के लोगों का मध्यप्रदेश में आना जाना लगातार जारी है यहां के लोग अपनी सभी दैनिक जरूरतों के लिए मध्यप्रदेश के माड़ा आते जाते हैं यहाँ से लगभग पांच सात किलोमीटर दूर करौटी ग्राम होते हुए माड़ा पहुंचते हैं यहां पर प्रशासन ने सुरक्षा के नाम पर सिर्फ एक बैरियर लगा कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है इसी तरह मध्यप्रदेश के लोग भी बेरोकटोक छत्तीसगढ़ के सीमा पर बसे ग्रामों दसेर, आनंदपुर कछुआखोह तथा आसपास के ग्रामों आसानी से आते जाते हैं और इनकी कोई जानकारी प्रशासन के पास नहीं रहती है जबकि यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए जो कि नहीं है ग्राम दसेर के ग्रामीणों ने बताया कि आनंदपुर गोईनी में कुछ दिन तक पुलिस की चौकसी रही पर अब सब नदारद हैं ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर किसी इसी तरह चलता रहा तो हमारा कोरिया जिला जो अब तक इस खतरनाक वैश्विक महामारी से मुक्त है यहाँ भी ये बीमारी अपने पैर पसार ले क्योंकि मध्यप्रदेश में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है और मरने वालों की तादाद भी बढ़ती जा रही है, प्रशासन को चाहिए कि तत्काल सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करे ताकि कोई अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो, एक तरफ तो प्रशासन बीमारों तथा अति जरूरतमंदों को परिवहन पास देने में कई दिन लगा रहा है जिससे कई बार तो गंभीर स्थिति पैदा हो जा रही है जिसका ताजा उदाहरण कल घुटरीटोला बैरियर पर एक वृद्ध की मौत जो कि अस्पताल से महज चंद किलोमीटर दूर रह गया आपके सामने है और दूसरी तरफ सुदूर वनांचल ग्रामों में दूसरे राज्य के लोगों तथा इस राज्य के लोगों का दूसरे राज्य में आवागमन बेरोकटोक जारी है।
ग्रामपंचायत दसेर में जारी है मध्यप्रदेश से आवागमन, सुरक्षा की नहीं है कोई व्यवस्था……..
सभी दैनिक जरूरतों के लिए मध्यप्रदेश के माड़ा आते जाते हैं