अंबिकापुर। कोरोना वायरस को लेकर केंद्रीय जेल में बरती जा रही सतर्कता के बीच जेल में बंद कैदियों की उनके परिजनों से मुलाकात पर जेल प्रशासन ने पूर्व में 15 मार्च को जारी किए गए आदेश में 31 मार्च तक मुलाकात पर प्रतिबंध लगाया था। आदेश के परिपालन में सरगुजा संभाग के सभी जिला जेल, उप जेल में भी बंदियों, कैदियों से मुलाकात बंद थी। पुनः लॉकडाउन की मियाद तक केंद्रीय जेल सहित अन्य जेलों में बंदियों से परिजनों की मुलाकात पर रोक लगा दी गई है।
केंद्रीय जेल के अधीक्षक राजेंद्र गायकवाड ने बताया कि पूर्व में जेल मुख्यालय से प्राप्त दिशानिर्देश के पालन में 31 मार्च तक जेल में निरुद्ध बंदियों के परिजनों से दी जाने वाली मुलाकात की सुविधा पूरी तरह से प्रतिबंधित की गई थी।
केंद्रीय जेल के सभी महिला-पुरुष खंड में रहने वाले बंदियों, बच्चों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु पुनः जेल मुख्यालय द्वारा लिए गए निर्णय के परिपालन में आगामी 14 मार्च तक के लिए बंदियों से परिजनों की मुलाकात पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।
अति आवश्यक होने पर केवल उनके अधिकृत अधिवक्ताओं को पूर्ण सतर्कता बरतते हुए केवल न्यायालय के कार्य हेतु मुलाकात करने की सुविधा दी जाएगी। जेल में किसी प्रकार का संक्रमण न हो इसे देखते हुए जेल प्रबंधन द्वारा विशेष सुरक्षा का निर्देश दिया गया है। केंद्रीय जेल में अधिवक्ताओं को न्यायालय के कार्य से मिलना हो तो दिन में सुबह नौ से दोपहर 12 बजे के बीच का समय अवकाश के दिनों को छोड़कर निर्धारित किया गया है।
परिजनों की जेल में निरुद्ध संबंधियों से मुलाकात नहीं हो पाएगी, इसलिए किसी को साथ लेकर आने की मनाही है। इस संबंध में मार्च माहाँत में ही नया आदेश जेल मुख्यालय रायपुर से केंद्रीय जेल पहुंच चुका है। इसके परिपालन के लिए जेल के सभी अधिकारी व कर्मचारियों को भी सख्त हिदायत दी गई है। जेल प्रहरियों को भी मास्क लगाकर ड्यूटी करने के निर्देश दिए गए हैं।
केंद्रीय जेल सहित जिला, उपजेल में बंद कैदियों के परिजनों से मुलाकात पर भले ही रोक लगी हो, लेकिन अति आवश्यक होने पर परिवार के सदस्य जेल में बंद अपने संबंधियों से फोन पर बात कर सकते हैं। गंभीर अपराधों, नक्सल अपराध सहित विशेष सुरक्षा में शामिल बंदियों को फोन पर बात करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सामान्य अपराध में जेल गए बंदियो, कैदियों को ही इसकी सुविधा मिलेगी।
केंद्रीय जेल में आनेवाले नए बंदियो को जेल में काफी सावधानी पूर्वक अंदर लाया जा रहा है। जेल में प्रवेश के बाद चिकित्सीय जांच कराई जाती है। किसी प्रकार का संदेह होने पर पहले तीन दिन तक जेल अस्पताल में रखा जाता है। बाद में 15 दिन तक उन्हें विशेष बैरक में अलग से निगरानी में रखा जाता है। जेल में 40 बेड का अस्पताल है, जहां बीमार बंदियो, कैदियों को भर्ती किया जाता है।
(कोविड-19) कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर एहतियात बरतने केंद्रीय जेल परिसर की दीवारों में मुख्य स्थल पर नोटिस चस्पा किया गया है। जेल में संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए हाथ धोकर ही अंदर प्रवेश करने का निर्देश जेल स्टाफ सहित अन्य को दिया गया है। लॉकडाउन तक बंदियो की उनकेin परिजनों से मुलाकात प्रतिबंधित किए जाने संबंधित नोटिस भी चस्पा की गई है।