इस साल का पहला एकादशी व्रत आज छह जनवरी को मनाया जा रहा है. हिंदू पांचांग के मुताबिक हर साल पौष महीने के शुक्ल पक्ष में आने के कारण इस एकादशी व्रत को पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. आज के दिन चावल की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन दान, स्नान और तप करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. साथ ही इस व्रत को करने से इन लोगों को भी संतान की प्राप्ति होती है जो ऐसी चाहत रखते हैं. चलिए आपको बताते हैं इस व्रत से जुड़ी हर खास बात.
कल सुबह 4 बजकर तीन मिनट तक एकादशी रहेगी. हालांकि पुत्रदा एकादशी व्रत आज किया जाएगा. इस व्रत को दो तरह से रखा जा सकता है. पहला निर्जल व्रत और दूसरा फलाहारी व्रत या जलीय व्रत. ऐसी मान्यता है कि निर्जला व्रत उन्ही लोगों को रखना चाहिए जो पूरी तरह से फिट हों. बाकी लोग फलाहारी या जलीय व्रत रख सकते हैं.
अगर आप बच्चे की इच्छा से इस व्रत को रख रहे हैं तो भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप और भगवान श्री नारायण की उपासना करें. ऐसा कहा गया है कि इस तरह व्रत करने वालों को अवश्य लाभ होता है. साथ ही मन में अगर सच्ची श्रद्धा हो तो प्रभु जरूर आपकी बात सुनते हैं. आपको पता होगा कि साल में 24 एकादशी आती हैं और इनमें चावल का सेवल वर्जित बताया गया है
दरअसल ऐसा माना जाता है कि अगर आप एकादशी के दिन चावल का सेवन करते हैं तो अगला जन्म रेंगने वाले जीव के रूप में होता है. इस दिन भगवान विष्णु का व्रत होता है. माना गया है कि अगर आप भगवान विष्णु की कृपा पाना चाहते हैं तो आचार विचार, खान पान आदि में शुद्धता और सात्विक्ता बरतनी चाहिए. सुबह में जल्दी उठना चाहिए लेकिन शाम में सोना नहीं चाहिए.
आपको बता दें सनातन धर्म में एकादशी के व्रत का काफी महत्व है और व्रत रखने वाले किसी भी शख्स को गुस्सा नहीं करना चाहिए, झूठ नहीं बोलना चाहिए साथ ही किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए.