केंद्र की मोदी सरकार की ओर से अयोध्या मामले में विशेष डेस्क बनाए जाने के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए गठित किए जाने वाले ट्रस्ट के समक्ष पहला प्रस्ताव राम नवमी से रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण शुरू करने की तिथि तय करने के रूप में लाया जाएगा।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद और विराजमान रामलला के बीच इस बारे में प्रारंभिक सहमति बन चुकी है। यह तीनों ही चाहते हैं कि केंद्र सरकार की ओर से गठित किया जाने वाला ट्रस्ट अपना पहला काम रामजन्मभूमि पर रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण शुरू किए जाने की तिथि को तय करने के रूप में करे।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश जी कहते हैं कि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी बेहद शुभ तिथि है। इस बार यह तारीख दो अप्रैल को पड़ रही है। ऐसे में यदि रामनवमी के पावन पर्व पर मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी जाए तो समूचे हिन्दू समाज को अच्छा लगेगा। विराजमान रामलला के अभिन्न सखा त्रिलोकी नाथ पांडेय भी मानते हैं कि रामनवमी मंदिर निर्माण शुरू करने के लिए सर्वमान्य तारीख बन सकती है।
पहले अयोध्या में जन्मभूमि पर राम मंदिर का मॉडल तय होगा। इसके बाद सरयू किनारे श्रीराम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा लगने का काम हो पाएगा। दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति लगाने के लिए अन्तरराष्ट्रीय बिड आमंत्रित की जाएंगी।
सूत्रों के अनुसार, जन्मभूमि पर प्रस्तावित मंदिर की ऊंचाई और उसके पूरे परिसर का क्षेत्रफल तय हो जाने के बाद ही तय होगा कि कौन सी जगह भगवान राम की प्रतिमा लगाने के लिए उपयुक्त होगी।