तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना के बाद उसी इलाके में एक और महिला की अधजली लाश मिली है, जहां गुरुवार को पशु चिकित्सक युवती का शव मिला था। साइबराबाद पुलिस आयुक्त ने कहा कि शव शमशाबाद के बाहरी इलाके में एक खुले इलाके में पाया गया। शव को परीक्षण के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया। मामला दर्ज कर लिया गया है। हालांकि, दोनों घटनाएं आपस में जुड़ी अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं हैं। आपको बता दें कि 27 वर्षीय एक पशु चिकित्सक को सामूहिक दुष्कर्म के बाद दरिंदों ने जिंदा जला दिया। हैदराबाद-बेंगलुरु हाइवे पर गुरुवार सुबह महिला डॉक्टर की अधजली लाश मिली थी। इस घटना के बाद सड़क से लेकर संसद तक आक्रोश दिखा। हैदराबाद पुलिस ने इस मामले में चार को गिरफ्तार किया है। वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग ने जांच समिति गठित की। पशु चिकित्सक युवती शादनगर में रहती थी। यहां से करीब 30 किलोमीटर दूर साइबराबाद में एक पशु चिकित्सालय में कार्यरत थी। वह हर दिन हैदराबाद-बेंगलुरु नेशनल हाईवे स्थित टोंडुपल्ली टोल प्लाजा पर अपनी स्कूटी पार्क करती थी और वहां से कैब लेकर अस्पताल तक जाती थी। बुधवार रात डॉक्टर अस्पताल से टोल प्लाजा पर लौटी, तो वहां खड़ी स्कूटी पंक्चर मिली। रात 9:22 बजे डॉक्टर ने अपनी बहन को फोन पर बताया कि उसकी स्कूटी पंक्चर हो गई। एक व्यक्ति ने उसे मदद की पेशकश की। कुछ देर बाद उसने दोबारा फोन कर बताया कि मदद की पेशकश करने वाला व्यक्ति कह रहा है कि आसपास की सभी दुकानें बंद हैं और पंक्चर ठीक करवाने के लिए गाड़ी को कहीं और ले जाना होगा।
तेलांगना सबसे असुरक्षित राज्य :
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक, 18 से 30 साल की युवतियों के लिए तेलंगाना देश में सबसे असुरक्षित राज्य है। वर्ष 2017 में यहां दर्ज दुष्कर्म के कुल मामलों में 91 फीसदी पीड़ताएं 18 से 30 साल की हैं, जो देश में सबसे ज्यादा है। हालांकि, दुष्कर्म के सबसे ज्यादा मामले मध्यप्रदेश में सामने आए हैं।
बहन ने बताया, फोन पर डरी हुई :-
परिवार के लोगों ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि जब डॉक्टर ने अपनी बहन को फोन किया, तब वह डरी हुई थी। बहन ने उससे स्कूटी वहीं छोड़कर कैब से घर लौटने को कहा था। डॉक्टर ने कहा कि टोल प्लाजा के किनारे इंतजार करने में उसे अजीब लग रहा है। आसपास अजनबी लोग हैं, वे उसे घूर रहे हैं और उसे डर लग रहा है। पास में ही एक लॉरी खड़ी है, जहां कुछ लोग मौजूद हैं। डॉक्टर ने अपनी बहन से कहा कि वह उससे फोन पर बात करती रहे। उसके छह मिनट बाद डॉक्टर का फोन बंद हो गया। जब डॉक्टर 11 बजे तक घर नहीं लौटी, तब परिवार वालो नें थाने पहुंचकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
किसान ने देखा जला शव :
डॉक्टर को हैदराबाद-बेंगलुरु हाईवे पर स्थित जिस टोल प्लाजा पर आखिरी बार देखा था, वहां से करीब 30 किमी दूर एक किसान ने गुरुवार सुबह उसका जला हुआ शव देखा। उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर के परिवार के लोगों को घटनास्थल पर बुलाया। अधजले स्कार्फ और गले पड़े गोल्ड पेंडेंट से डॉक्टर के शव की पहचान हुई। पुलिस को आसपास से शराब की बोतलें भी मिलीं।
पुलिस ने चार को गिरफ्तार किया :
डॉक्टर से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। हिरासत में लिए गए लोगों में एक ट्रक ड्राइवर और एक क्लीनर शामिल हैं। पुलिस ने संदेह जताया कि युवती को जाल में फंसाने के लिए अपराधियों ने उसके वाहन को जानबूझकर पंक्चर किया। आरोपियों ने डॉक्टर को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया। बाद गला घोटकर हत्या कर दी। शव को कालीन में लपेटकर रंगा रेड्डी जिले के चटनपल्ली फ्लाईओवर के नीचे ले जाया गया,जहां उसे जला दिया गया। पुलिस ने युवती की स्कूटी, कपड़े, जूतियां टोल प्लाजा के पास से बरामद की।
परिवार का आरोप, टालती रही पुलिस
परिवार वालों ने कहा कि साइबराबाद पुलिस उन्हें दौड़ाती रही। अगर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की होती, तो हमारी बेटी को जिंदा बचाया जा सकता था। मां ने बताया कि घटना के बाद मेरी छोटी बेटी थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची, लेकिन उसे दूसरे थाने शमशाबाद भेज दिया गया। पुलिस ने कहा कि यह मामला उसके क्षेत्र में नहीं आता है। पीड़िता की बहन ने कहा कि एक पुलिस स्टेशन से दूसरे पुलिस स्टेशन जाने में हमारा समय बर्बाद हो गया। अगर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की होती, तो मेरी बहन आज जिंदा होती। हालांकि, बाद में परिवार के साथ कई सिपाही लगाए और सुबह चार बजे तक तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन उसका पता नहीं चल पाया। पीड़िता की मां ने कहा कि मेरी बेटी बहुत मासूम थी। मैं चाहती हूं कि दोषियों को जिंदा जला दिया जाए।
आयोग ने जांच समिति गठित की :-
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने डॉक्टर की हत्या मामले में जांच के लिए एक समिति का गठन किया। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने ट्वीट किया कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिल जाती, तब तक एनसीडब्ल्यू कोई कसर नहीं छोड़ेगा। आयोग ने साइबराबाद पुलिस आयुक्त वी सी सज्जनार को पत्र लिखकर विस्तृत जानकारी मांगी। शर्मा ने पत्र में लिखा कि मामले में जांच के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग अपने एक सदस्य की अध्यक्षता में जांच समिति बनाने जा रहा है। मामले की गंभीरता देखते हुए मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कृपया इस संबंध में जांच करें और उचित कार्रवाई करें।
लोगों की मांग, हत्यारों को फांसी दो
इस घटना ने देशभर के लोगों को स्तब्ध कर दिया है। घटना को लेकर सड़क से लेकर संसद तक लोगों में आक्रोश दिखा। लोगों ने डॉक्टर के हत्यारों को फांसी देने की मांग की। सोशल मीडिया पर लोग इस मामले की तुलना राजधानी दिल्ली के निर्भया गैंगरेप मामले से कर रहे हैं। निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन मामला अभी तक पुर्नविचार याचिकों में लटका है। इस घटना के बाद लोग तत्काल सार्वजनिक तौर पर फांसी देने की मांग कर रहे हैं।