रायपुर । धान खरीद के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम प्रदेश के किसानों और व्यापारियों से लिखवाए गए 16 लाख 79,645 पत्रों को चार वाहनों में भरकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी खुद पैदल मार्च करते हुए राजभवन पहुंचे। पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने पत्रों को राजभवन के उपसचिव को सौंपा। राजीव भवन से दोपहर दो बजे पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों, नेताओं, कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली। आगे-आगे पत्रों से भरे वाहन और पीछे कांग्रेसी नारेबाजी करते चल रहे थे।
पहले कांग्रेस के ही नेता कह रहे थे कि शंकरनगर चौक तक ही जा सकते हैं, क्योंकि आचार संहिता के कारण धारा 144 लगी हुई है, लेकिन शंकरनगर वीआइपी रोड से एसआरपी चौक, गौरवपथ होकर रैली पुराना पुलिस मुख्यालय कार्यालय तक पहुंची। पीसीसी अध्यक्ष ने राजीव भवन में ही साफ कर दिया था कि उनके साथ प्रतिनिधिमंडल राजभवन तक जाएगा। इस कारण मरकाम के साथ पार्टी के प्रदेश महामंत्री गिरिश देवांगन, विधायक गुलाब कमरो व यूडी मिंज, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र छाबड़ा, वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलाम रिजवी राजभवन के उपसचिव से मिले, क्योंकि राज्यपाल अनुसुईया उइके प्रदेश से बाहर हैं। पैदल मार्च से पहले राजीव भवन में सभा हुई, जिसमें पीसीसी अध्यक्ष मरकाम ने कहा कि जब कांग्रेस विपक्ष में थी, तब किसानों से कहा था 1750 स्र्पये में धान बेचो, सत्ता में आने पर अंतर की राशि देंगे। सरकार बनने के बाद अपना वादा पूरा किया।
अब भी यही होगा। राज्य सरकार केंद्र द्वारा तय 1815 और 1835 रुपए में धान खरीदेगी। यह मजबूरी है, क्योंकि उसी समय अंतर की राशि बोनस के तौर पर दी गई, तो केंद्र सरकार ने सेंट्रल पूल में चावल लेने से मना कर दिया है। बाद में राज्य सरकार वादे के मुताबिक 665 और 685 स्र्पये न्याय या किसी अन्य योजना के माध्यम से किसानों को देगी। पीसीसी के प्रदेश महामंत्री गिरिश देवांगन ने कांग्रेसियों से कहा कि भाजपा किसानों को भड़काएगी कि राज्य सरकार 25 सौ स्र्पये वादा करके मुकर गई है, लेकिन हमें दृढ़ता के साथ किसानों को यह समझाना है कि कांग्रेस सरकार अपना वादा पूरा करेगी। किसानों को अंतर की राशि देने के लिए राज्य सरकार को कर्ज लेना भी पड़े, तो उससे पीछे नहीं हटेगी। देवांगन ने कहा कि किसानों को यह भी याद दिलाना होगा कि 15 साल की भाजपा की सरकार में वादाखिलाफी के कारण कितने किसानों से खुदकुशी की थी। 11 माह की कांग्रेस सरकार में एक भी किसान को खुदकुशी नहीं करनी पड़ी है। किसान सुदृढ़ हुए हैं।