नारायणपुर। देश के 117 जिलों के साथ छत्तीसगढ़ के 10 आकांक्षी जिलों में शामिल नारायणपुर जिले की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने मंथन शुरू हो गया है। प्रदेश के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने बुधवार को कलेक्टोरेट में शिक्षा विभाग के अधिकारियों और मैदानी अमलों के साथ बैठक की। जिले की शिक्षा गुणवत्ता को बेहतर बनाने संचालक लोक शिक्षण एस प्रकाश और प्रबंध संचालक सर्व शिक्षा अभियान पी दयानंद ने जरूरी टिप्स दिए। बैठक में जिपं सीईओ प्रेमकुमार पटेल, एसडीएम दिनेश कुमार नाग, जिला शिक्षा अधिकारी जीआर मरकाम, जिला समन्वयक राजीव गांधी शिक्षा मिशन भवानी शंकर रेड्डी के अलावा स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़े अन्य अधिकारी व प्राचार्य उपस्थित रहे। संचालक एस प्रकाश ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता विभिन्न मानकों पर काफी पिछड़ी हुई है। यहां के कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों का ज्ञान काफी कमजोर है। उन्होंने कहा कि निरीक्षण में पाया गया कि बच्चों का हिन्दी भाषा का ज्ञान भी काफी कमजोर है। सभी को निरंतर शिक्षा गुणवत्ता के लिए प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि हमारी टीम जरूरी मार्गदर्शन देने आई है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को ऑडियो विजुअल और एनीमेशन के जरिए भी पढ़ाई-लिखाई कराएं और समय-समय पर शिक्षा गुणवत्ता का मूल्यांकन करते रहें। उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग के अन्य जिलों के मुकाबले नारायणपुर की शिक्षा निचले स्तर पर पाई गई। संचालक सर्व शिक्षा अभियान पी दयानंद ने बताया कि स्कूली किताबों में क्यूआर कोड के लिए विद्यार्थियों को मोबाइल में दिक्षा एप डाउनलोड कर रोचक तरीके से भी शिक्षा दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि बच्चों को पढ़ाने के तरीके और विषय संबंधी सामग्री भी भेजी जाती है, उसका भी बेहतर इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में टैब दिए गए हैं। उन्होंने शिक्षकों से इसका नियमित उपयोग करने कहा। कलेक्टर पीएस एल्मा ने जिले के स्कूल में शिक्षा गुणवत्ता के लिए किए जाने वाले कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने स्कूल, शिक्षक, बच्चों और भवनों आदि की जानकारी से भी अवगत कराया। कलेक्टर ने शिक्षा अधिकारियों को भरोसा दिलाया कि आगामी महीनों में शिक्षा गुणवत्ता में प्रगति देखने को मिलेगी। इसके लिए छह माह का प्लान बनाया गया है।