मुंबई। बॉलीवुड के तीन सितारों सलमान खान, अरबाज खान और सोहेल खान के पिता व 83 वर्षीय प्रतिष्ठित स्क्रिप्ट राइटर सलीम खान ने अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि मुस्लिमों को मिली वैकल्पिक पांच एकड़ जमीन पर कॉलेज बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के मुस्लिमों को स्कूल की जरूरत है न कि मस्जिद की। सलीम खान ने कहा कि पैगंबर द्वारा बताए गए इस्लाम के दो गुण प्रेम और क्षमा हैं। तो अब इस कहानी (अयोध्या विवाद) के अंत के बाद, मुस्लिमों को इन दो गुणों का पालन करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। फिर से पीछे नहीं मुड़ें, यहीं से आगे बढ़ते हैं। प्रसिद्ध कहानीकार सलीम खान ने सत्तर के दशक की शुरुआत में अपने दोस्त जावेद अख्तर के साथ प्रतिष्ठित सलीम-जावेद की जोड़ी बनाई थी।
उनका मानना है कि पिछले कुछ दशकों में भारतीय समाज परिपक्व हो गया है। सलीम ने कहा कि इस तरह के संवेदनशील फैसले की घोषणा के बाद जिस तरह से शांति और सद्भाव कायम रखा जा रहा है, वह सराहनीय है। चलिए स्वीकार करते हैं कि एक बहुत पुराना विवाद सुलझ गया है। मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को इस (अयोध्या विवाद) पर चर्चा नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय उन्हें अपनी बुनियादी समस्याओं पर चर्चा करनी चाहिए और समाधान खोजने की कोशिश करनी चाहिए। मैं यह क्यों कह रहा हूं कि हमें स्कूलों और अस्पतालों की आवश्यकता है… मैं यह सुझाव क्यों दे रहा हूं कि मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में मिली पांच एकड़ की जमीन का इस्तेमाल स्कूल बनाने के लिए करना चाहिए? हमें मस्जिद की जरूरत नहीं है। नमाज तो हम कहीं भी पढ़ लेंगे, ट्रेन में, प्लेन में, जमीन पर। मगर, हमें बेहतर स्कूलों की जरूरत है। अगर 22 करोड़ मुसलमानों को तालीम अच्ची मिलेगी, तो इस देश कि बहुत सी कमियां खत्म हो जाएंगी।