जिला कोरिया. बैकुण्ठपुर में छठ मईया श्रद्धालुओं की मनोकामना को पूर्ण करने वाली हैं। छठ पूजा का पर्व बड़े ही स्वच्छ व शुद्धीकरण विधि से मनाया जाता है। छठ पूजा में 36 घंटे का व्रत रखा जाता है। इसमें व्रती सर्वप्रथम अपने ईष्ठ मित्रों को अपने घर पर आमंत्रित करके भैंस के दूध की खीर व पूरी खिलाते हैं। दूसरे दिन से निर्जला व्रत रखना शुरू करते हैं। तीसरे दिन सूर्य नारायण का अध्र्य देकर अपना व्रत तोड़ते हैं।
इसमें तालाब व नदी के किनारे कुछ श्रद्धालु लेटते हुए पूजा स्थल तक जाते हैं एवं कुछ श्रद्धालु झंुककर भी जाते हैं। और श्रद्धालुगण सूपा में पूजा की सारी सामग्री रखकर नदी या तालाब के किनारे के समय डूबते हुए सूर्य को अध्र्य देते हैं। तीसरे दिन सुबह उगते हुए सूर्य नारायण को अध्र्य दिया जाता है। और जो-जो श्रद्धालुओं की छठ मईया से मान्यता होती है वह मांगते हैं। सूर्य को अध्र्य देने व पूजा करने के बाद व्रती कच्चे दूध का शरबत पीकर और थोड़ा सा प्रसाद खाकर व्रत खोलते हैं।