रायगढ़। पीएम फसल बीमा योजना में जिले में तीन हजार से ज्यादा किसानों के आधार नंबर गलत हो गए हैं। लिपिकीय त्रुटि एवं यूआईडीएआई के डेटाबेस के अनुसार किसानों का नाम नहीं होने से आवेदन रिजेक्ट हो गए हैं। जिससे अब बैंकर्स दोबारा से इसकी 31 अक्टूबर तक एंट्री कर पोर्टल में संशोधन करेंगे।
आधार नंबर के कारण राशन कार्ड गंवाने वाले किसान एवं ग्रामीण अब फसल बीमा में भी इसी परेशानी में फंस गए हैं। फसल बीमा में भी इस बार किसानों के लिए आवेदन के साथ आधार नंबर अनिवार्य किया गया था। जुलाई अगस्त महीने में जिले में किसानों से फसल बीमा के आवेदन लेकर बैंकर्स द्वारा पोर्टल में जो एंट्री की गई थी। उसमें से करीब 3 हजार से ज्यादा किसानों के आधार नंबर मिसमैच हो गए हैं।
मतलब आवेदन करते वक्त लिपिकीय त्रुटि व आधार के अनुसार ही बैंक में नाम नहीं होने के कारण आवेदन रिजेक्ट हो गए हैं। इससे बीमा कंपनी ने इसमें बैंकर्स को आवश्यक सुधार करने कहा है। बीमा कंपनी के रिकार्ड के अनुसार खरीफ में इस बार जिले से 31 हजार 366 किसानों ने फसल बीमा के लिए आवेदन दिया था। इसमें ऋणी एवं अऋणी किसानों को मिलाकर कंपनी ने करीब 7 करोड़ 94 लाख का प्रीमियम वसूला था।
योजना के अनुसार जिले में खरीफ का कुल 1 लाख 20 हजार हेक्टेयर रकबे का बीमा किया गया था और इसकी बीमित रकम करीब 39 करोड़ 73 लाख थी लेकिन पोर्टल में आधार के अनुसार किसानों का नाम मेल नहीं खाया तो बीमा कंपनी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इण्डिया ने इन्हें लौटा दिया और दोबारा से पोर्टल में एंट्री करने कहा है। कंपनी ने बैंकों को हर हाल में यह काम 31 अक्टूबर तक कर लेने कहा है। ताकि क्लेम का निर्धारण करने में किसी तरह की चूक ना हो।
जिले में बीते साल भी कमजोर बारिश के कारण किसानों को नुकसान हुआ था और फसल बीमा से कंपनी को क्लेम बांटना पड़ा था। साल 2018 में रायगढ़ जिले की सभी तहसीलों को मिलाकर कुल 21 हजार 18 किसानों को 22 करोड़ 44 लाख 96 हजार रूपये का क्लेम बीमा कंपनी द्वारा दिया गया था। हालाकि इस बार बारिश बेहतर हुई है लेकिन मानसून के अब बीते हफ्ते भर की बारिश से किसानों की फसल खराब हुई है। इसलिए अब कंपनी इसका मुआवजा देगी।