कहानी में आज बात करेंगे सुरों के साधक मुकेश के बारे में. मौका है मुकेश की पुण्यतिथी(Mukesh death anniversary, August 27) का. मुकेश ने मोहम्मद रफी और किशोर कुमार के मुकाबले बेहद कम गीत गाए, लेकिन उनके यादगार गानों की तादाद किसी से कम नहीं. हिंदी सिनेमा के 4 दशकों में गूंजती रही मुकेश की आवाज. 60 और 70 के दशक में तो आलम ये था, मुकेश के गीत फिल्मों की कामयाबी में बड़ी भूमिका निभाने लगे. उस आवाज की तासीर ही कुछ ऐसी थी. जानें मुकेश की जिंदगी के कुछ अन्छुए पलों के बारे में.