आपको लगता होगा कि पत्रकारों के पास बहुत ताकत होती है. कुछ पत्रकारों के भीतर भी ये भ्रम होता है कि वे बहुत ताकतवाले हैं. लेकिन ये ताकत तभी तक टिकती है जब तक आप सत्ता के साथ हैं, नेताओं को रास आने वाली बात लिख-बोल रहे हैं. जहां आप उनके आंगन और किचन का सच दिखाने लगें, वहीं वो आपको आपकी हैसियत बताने लगेंगे. आपके ख़िलाफ़ मुकदमा करेंगे, आपको जेल भिजवाने की कोशिश करेंगे. कर्नाटक में एक अख़बार और उसके संपादक को एफ़आईआर झेलनी पड़ रही है. क्योंकि उसने लिख दिया कि हार के बाद देवगौड़ा परिवार में कलह जारी है. ये भी बताया कि देवगौड़ा के पोते निखिल कुमारस्वामी ने अपने दादाजी को क्या-क्या कहा.