कोरबा। हाथियों के हमले की समस्या से जूझ रही ग्रामीण आबादी अब बंदरों से परेशान है। कोरबा जिले के कोरकोमा गांव में 12 लोग शुक्रवार को बंदरों के हमले में जख्मी हो गए। स्थानीय पीएचसी में उन्हें उपचार दिया गया। बंदरों को पकड़ने के लिए विभाग की टीम पिंजरा ले कर पहुंची तो बंदर वहां से गायब हो गए।
शिवनगर से होते हुए यह सिलसिला यहां की मुख्य बस्ती तक आ पहुंचा। इस दौरान वानर ने उछलकूद करने के साथ लोगों को हलाकान किया। इसके साथ ही उन पर हमला बोला। बच्चों से लेकर युवा और उम्रदराज लोग भी इन बंदरों के हमले में घायल हो गए।
मौके पर मौजूद लोगों ने जैसे-तैसे बंदरों को खदेड़ा, लेकिन उसके निशान तकलीफ का कारण बन गए। बंदरों के हमले में 12 लोगों के घायल होने से कोरकोमा के लोग घबराए हुए हैं। घायल ग्रामीणों को यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार दिलाया गया। इस बीच मामले की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी गई।
इसके बाद एक टीम यहां भेजी गई। उत्पाती बंदरों को दबोचने के लिए पिंजरे लगाए जा रहे हैं, लेकिन पिंजरा लगने की भनक लगते ही बंदर वहां से गायब हो जाते हैं और किसी अन्य बस्ती में पहुंचकर लोगों को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। बहरहार बंदरों को काबू करने की वन विभाग की कवायद अभी जारी है। ग्रामीण भी अपनी और बच्चों की सुरक्षा को लेकर परेशान हैं।