सोनहत— पिछले दिनों कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में आरोपी लिपिक दीप चंद्र शिवहरे के अनाधिकृत रूप से प्रवेश करने का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन द्वारा की गई जांच में अधिक्षिका की मिलीभगत से उक्त बाबू के अनाधिकृत रूप से आने जाने तथा और भी कई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं में संलिप्तता पाये जाने के बाद भी प्रशासन द्वारा आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है, जाँच के नाम पर बस अधिक्षिका को आश्रम से हटा कर अन्यत्र स्थानांतरित कर पल्ला झाड़ लिया है जबकि आश्रम के नियमानुसार कोई भी पुरूष अनाधिकृत रुप से आश्रम में प्रवेश नहीं कर सकता है और ऐसा करते पाये जाने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का प्रावधान है पर यहाँ तो बाबूसाहब दिन रात कभी भी सिर्फ आना जाना ही नहीं करते थे बल्कि आश्रम के अंदर संचालित तमाम योजनाओं की जिम्मेदारी भी इनके कंधो पर थी या यूं कहें कि बाबूसाहब ही अधीक्षक थे तो गलत नहीं होगा।
अधिक्षिका की नियुक्ति पर भी सवाल जानकारी के मुताबिक कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अधिक्षिका बनने के लिए वर्ग 1 विज्ञान संकाय की योग्यता होना आवश्यक है पर इसके विपरीत उक्त अधिक्षिका मेरिना टोप्पो की योग्यता वर्ग 2 कला संकाय से है इसके बावजूद प्रशासन की विशेष कृपा दृष्टि से उक्त अधिक्षिका लगभग पाँच सालों तक सफल रुप से खुलकर भ्रस्टाचार करती रही यहां तक की इनके द्वारा सुरक्षा के लिए लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खराब कर रखा था पर जिम्मेदार अधिकारियों ने कभी जांच की जहमत नहीं उठाई जाहिर है मोटा कमीशन समय से पहले ही टेबल पर पहुंच जाता था।
कलेक्टर महोदय द्वारा नहीं की जा रही करवाई सूत्रों से खबर है कि अनुविभागीय अधिकारी सोनहत के द्वारा जाँच के पश्चात आरोपी लिपिक तथा अधिक्षिका पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की अनुसंशा कर फाइल माननीय कलेक्टर महोदय के पास लगभग दस दिनों पूर्व ही भेज दी गई है पर आज दिनाँक तक आरोपियों पर कोई करवाई न होना संदेह की ओर इशारा करता है।