गरीबों व असहायों के लिए मसीहा बने समाजसेवी निगमेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मिंटू भैया
बैकुण्ठपुर। कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर मार्गदर्शन संस्था के संस्थापक पीड़ितों के मदद के लिए तत्पर निगमेन्द्र प्रताप सिंह सामाज सेवक बनकर उभरे है, जो न सिर्फ मदद मांगने वालों की मदद करते है, बल्कि लोगों की आगे बढ़कर भी मदद करते हैं। कोरिया जिले में गरीब व असहायों की मसीहा बनकर उभरे निगमेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मंटू भैया जिले में एक जानी-पहचानी शख्सियत हैं। वह नाम काम के मोहताज नही है। वह अपनी शिक्षण संस्था मार्गदर्शन के अलावा गरिब पीड़ितों के मदद के लिए तत्पर निगमेन्द्र प्रताप सिंह सामाज सेवक भी है, जो न सिर्फ मदद मांगने वालों की मदद करते है, बल्कि लोगों की आगे बढ़कर भी मदद करते हैं। शहर कोतवाली अन्तर्गत बैकुण्ठपुर मे सामाजिक संगठन की कर्ता-धर्ता पीड़ितों के बीच मंटू भैया के रूप में चर्चित हैं। मार्गदर्शन संस्था उन सभी छात्र-छात्राओं की मदद के लिए आगे आते हैं, जो किसी व्यवस्था के चलते पीड़ित हो और जिनकी सुनवाई कहीं नहीं होती हो गरिब हो जो शिक्षा लेना चाहते है किन्तु आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होनें के कारण शिक्षा से वंचित है। हालांकि गरीबों और असहायों को उनका हक दिलाने के लिए सामाजिक कार्य करने वाले। निगमेन्द्र प्रताप सिंह का अपना खुद का भरा-पूरा परिवार है और उन पर बच्चों व माता-पिता की जिम्मेदारी है, बावजूद इसके मंटू भैया गरीबों की मदद के लिए समय निकाल लेते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक समाजसेवी मंटू भैया अकेले दम पर अब तक सैकड़ों ऐसी महिलाओं को उनका हक दिला चुके हैं, जिन्होंने अपने हक की उम्मीद लगभग छोड़ चुकी थी। यही नहीं, गरीबों की लड़ाई के चलते मंटू भैया कई बार प्रशासन से भी टकरा चूके है। मंटू भैया समाज सेवा मे रहते हुए क ई नेक कार्य किए है जो बताना उचित तो नहीं किन्तु बताना भी जरुरी है। श्री एमपी सिंह महिलाओं को विधवा, वृद्धा पेन्शन व राशन कार्ड दिलवाने के अलावा गरीबों को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से भी अवगत कराते हैं और उक्त योजनाओं से गरीबों को जोड़ने के लिए भी काम करते हैं यही कारण हैं कि मदद के लिए कोरिया जिला के अलावा अन्य पड़ोसी जिलों के पीड़ित भी मंटू भैया के पास गुहार लगाने पहुंचते हैं। इतना ही नही निगमेन्द्र प्रताप सिंह हर माह जनसेवा भाव से क्षेत्र के हर शहरीय व ग्रामिण क्षेत्रों मे मेडिकल कैंप लगा कर मुफ्त मे ईलाज करते है। समाजसेवी मंटू सिंह प्रति वर्ष आठ से दस कन्याओं का विवाह उनके धर्म के हिसाब से सम्पूर्ण विधि विधन से सम्पन्न कराते है। कन्याओं के विवाह उपरान्त कन्याओं को गृह गिरहस्ती बसानें के समस्त संसाधन भी अपने खर्चे से ही पुरा करते है, जिस गरीब अभिभावको के बच्चे शिक्षा मे रुची रखते है एवं वह आर्थिक स्थिति से मजबुत नही होतो जो निजी संस्थानों मे फिस देने मे असमर्थ होते है उनके बच्चो को मुफ्त शिक्षा भी उपलब्ध कराते है। निगमेन्द्र प्रताप सिंह जब जनसम्पर्क मे निकलते है तब वह किसी अन्य प्रकार के समस्त कार्यों को स्थगित कर केवल जनसम्पर्क के माध्यम से गरीब जनता के सुख दुख को महसुस कर अपने स्तर तक की समस्त समस्याओं का निराकरण करते है। यदि जनसम्पर्क के माध्यम से या सामने से कोई भी इंसान किसी भी बिमारी से ग्रस्त है और उसे राजधानी या हाई कोर्ट नगरी मे भी सम्पूर्ण ईलाज अपने खर्चे से कराते है बिमार इंसान को स्वस्थ कर ही दम लेते है। इतना ही नही समय समय पर हर धर्म जाति के कार्यक्रमों मे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने जैसे कार्यों को भी पुरी निष्ठा से निभाते है। जब निगमेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मंटू भैया के समाज सेवा के बारे मे जानना चाहा तो उनका एक ही जवाब था कि समाजसेवी मंटू भैया अपनी टीम के सांथ हमेसा बहोत अच्छी तरह से समाज के प्रति सेवा की है सांथ ही वह हमारे संगठन के लिए हमेसा से संकल्पित है।