जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर के बैंक आॅफ बड़ौदा में सिक्योरिटी गार्ड के पद पर पदस्थ शिव कुमार गोंड का स्कूटी से एक्सीडेंट होने से मृत्यु हुई या जानबूझकर हत्या किया गया है ? यह एक पहेली बनकर रह गया है, क्योंकि जानकार सूत्र बताते है कि, सिक्योरिटी गार्ड शिव कुमार भवानी सिक्योरिटी गार्ड कंपनी द्वारा नियुक्त किया गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिव कुमार गोंड जो कि पटना का निवासी था होली के पर्व का त्यौहार चल रहा था तब पटना में स्कूटी से शिव कुमार का एक्सीडेंट की बात बतायी जाती है। पर सोचने वाली बात है जब उस व्यक्ति का एक्सीडेंट हुआ होता तो कहीं तो खरोच या चोट का निशान आई होती, परंतु कोई निशान नहीं था। लोगों में तरह-तरह की चर्चाऐं चल रही है कि, यह जानबूझकर एक्सीडेंट का मामला लगता है ?
मिली जानकारी के अनुसार, यह घटना पटना थाना क्षेत्र का बताया जाता है। जहां शिव कुमार सिक्योरिटी गार्ड को छाती में गंभीर चोट होने के कारण उस व्यक्ति को उसके परिवारवालों ने मेकाहार हाॅस्पिटल में एवं अन्य प्राइवेट हाॅस्पिटल में इलाज करवाया गया था साथ ही छाती के दो आॅपरेशन होने के पश्चात भी डाॅक्टर शिव गार्ड को बचा नहीं पाये। जानकार सूत्र द्वारा बताया जाता है कि, छाती में गंभीर चोट होने के कारण डाॅक्टरों की लापरवाही कहा जा सकता है ? लोगों ने बताया कि, शिव कुमार बैंक आॅफ बडौदा में गार्ड के पद पर ईमानदार एवं बैंक में आने वाले ग्राहकों को हर तरह से मदद करने वाला एवं बैंक के कर्मचारियों द्वारा सहानुभूति का लायक था कुछ लोग बैंक के कर्मचारी उसके स्वर्गवास पर आंखों में आंसू लेकर रोते नजर आये। यहां तक कि, पूर्व में जो अधिकारी बैकुण्ठपुर में रहे वह भी उसके परिवार में जाकर सांत्वना दिये।
जानकार सूत्र बताते है कि, शिव कुमार एक गरीब परिवार का व्यक्ति जिसमें बैंक के अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा इलाज के लिए सहयोग भी दिया गया। पर सोचने वाली बात है षिव को गार्ड पद पर लगभग 28000 वेतन बताया जा रहा है जिसमें भवानी सिक्योरिटी गार्ड कंपनी द्वारा सिर्फ 16000 रूपये दिया जाता था। भवनी सिक्योरिटी गार्ड कंपनी द्वारा ऐसे परिवार को सहयोग के रूप में इलाज के कुछ सहायता राशि देना चाहिए था पर वह नहीं दिया गया। अब देखना यह कि, भवानी सिक्योरिटी गार्ड कंपनी उसके गरीब परिवार को कुछ सहयोग राशि दिया जायेगा या नहीं ? नहीं दिया जाता है तो शासन द्वारा ऐसे सिक्योरिटी गार्ड कंपनी के ऊपर कार्यवाही कर उसके परिवार को सहयोग राशि दिलवायंे।