वक्त रहते उचित कदम उठाने की जरूरत पर वॉटर हीरो नीरज वानखड़े ने बताया कि आने वाले दिनों में जल की कमी से देश को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। कृषि क्षेत्र को पर्याप्त मात्रा में जल नहीं मिलने से कुल उत्पादन और खाद्य सुरक्षा पर काफी नकारात्मक असर पड़ेगा। विश्व बैंक के अनुसार जल संकट जी डी पी पर असर डालेगा और रोजगार की समस्या उत्पन्न होगी। इसके साथ ही, पर्यावरण और जैव विविधता पर इसके परिणाम देखने होंगे। पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं को भारी नुकसान होगा। उन्होंने बताया यह समय की मांग है कि जल सुरक्षा पर गंभीर चिंतन करते हुए उचित कदम उठाया जाय।
जल जागृति अभियान के आठवें दिन आज जनपद पंचायत मनोरा के ग्राम पंचायत घाघरा में जल जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया.
शिविर में वाटर हीरो नीरज वानखड़े ने विभिन्न रोचक जानकारी और अपने अभिनव माडल के जरिये लोगों को जल संरक्षण के संबंध में समझाया और लोगों को जल बचाने के लिए आग्रह किया और इस अभियान को जन जन का अभियान बनाने हेतु आगे आने हेतु अपनी भागीदारी प्रदान करने हेतु आग्रह किया. कार्यक्रम मे जिला पंचायत सदस्य शांति भगत ने कहा कि जल बचाना हम सभी के लिए बहुत जरूरी है. पानी बचाने के लिए हमें अपने जंगल को भी बचाना है, जलस्तर में लगातार गिरावट आ रही है। इसके लिए हम सबको सचेत होना होगा। वर्षा जल संरक्षण और पानी के रीसाइक्लिंग पर जोर देने की जरूरत है ताकि पानी का भूगर्भ जल का संरक्षण किया जा सके साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग और रीसाइक्लिंग को मजबूत करने पर जोर दिया जाना चाहिए। सरकार के साथ ही आमलोगों को भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना होगा। अपने उदबोधन में उन्होंने वाटर हीरो नीरज वानखड़े के कार्याे को सराहा.
अध्यक्ष जनपद पंचायत मनोरा ने अपने उदबोधन् में जल जागृति अभियान की सराहना करते हुवे लोगों को आग्रह किया की अगर अभी हमने जल बचाने के लिए काम नही किया तो हमारे आगे की पीढ़ी के लिए पानी का अकाल पड़ जायेगा, ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम पानी को बचाये. सभी लोगों के सम्मिलित प्रयासों से ही हम भविष्य के लिए जल का संचय कर सकेंगे
कार्यक्रम में शांति भगत, जिला पंचायत सदस्य, परमेश्वर भगत अध्यक्ष जनपद पंचायत मनोरा, शोषन एक्का जनपद सदस्य मनोरा, रंजीत भगत जनपद सदस्य मनोरा, बैजू नंदन अध्यक्ष मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मनोरा, एस डी ओ जल संसाधन विभाग मनोरा,वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी मनोरा, वनपाल वन विभाग मनोरा, एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारी, आसपास के ग्राम पंचायतों के सरपंच, स्व सहायता समूह के सदस्य और बहुत अधिक संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।