पंचांग के अनुसार, राम नवमी हर साल चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है। साल 2025 में ये तिथि 5 अप्रैल की शाम 7 बजकर 26 मिनट से शुरू होकर 6 अप्रैल की शाम 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस बार राम नवमी 6 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी।
नवमी तिथि का महत्व
नवमी तिथि नवरात्रि के अंतिम दिनों में से एक है, जिसमें देवी दुर्गा की नौवीं शक्ति सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।
नौवीं शक्ति सिद्धिदात्री देवी दुर्गा की नौवीं और अंतिम शक्ति हैं। वह सिद्धियों की देवी हैं और अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियाँ प्रदान करती हैं।
सिद्धिदात्री की पूजा विधि
– सिद्धिदात्री की पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
– पूजा घर में सिद्धिदात्री की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें।
– सिद्धिदात्री को फूल, फल, और अन्य पूजा सामग्री अर्पित करें।
– सिद्धिदात्री के मंत्रों का जाप करें।
– सिद्धिदात्री की आरती करें।
सिद्धिदात्री के मंत्र
– “ॐ सिद्धिदात्र्यै नमः”
– *”ॐ सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यै असुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिसेविता॥”*
सिद्धिदात्री की पूजा के लाभ
सिद्धिदात्री की पूजा करने से जीवन में सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है। यह पूजा व्यक्ति को जीवन में सफलता और समृद्धि प्रदान करती है।
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05:20 मिनट तक
- प्रातः सन्ध्या – सुबह 04 बजकर 57 मिनट से 06:05 मिनट तक
- अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बकर 58 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक
दुर्गा स्तुति मंत्र
“या देवी सर्वभूतेषु मातृरुपेण संस्थिता।
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरुपेण संस्थिता।।
या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरुपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।”