जशपुरनगर : राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत औपचारिक स्कूली शिक्षा से वंचित लोगों को समाज में एकीकृत करने एवं राष्ट्र के विकास में योगदान के लिए उल्लास नवभारत साक्षरता अभियान संचालित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में पढ़ने, लिखने और अंकगणित कौशल सहित कार्यात्मक साक्षरता प्रदान करना, विद्यार्थियों को महत्वपूर्ण जीवन कौशल से समृद्ध करते हुए आजीवन सीखने हेतु प्रोत्साहित करना है। कलेक्टर रोहित व्यास के मार्गदर्शन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अभिषेक कुमार के निर्देशन में रविवार को जिले के 1013 परीक्षा केंद्रों में कुल 15704 शिक्षार्थियों ने महापरीक्षा अभियान में भाग लिया। उल्लास नवभारत साक्षरता महापरीक्षा अभियान के तहत सभी विकासखण्डों में उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम जन जन साक्षर अंतर्गत राष्ट्रव्यापी बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान आंकलन परीक्षा आयोजित की गई।
ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रभारियों द्वारा राष्ट्रव्यापी बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान आकलन परीक्षा की सफल आयोजन एवं शिक्षार्थियों के रुझान बढ़ाने हेतु सभी ग्राम प्रभारियों द्वारा कोटवार से मुनादी कराकर शिक्षार्थियों के घर-घर संपर्क कर हल्दी चावल देकर महापरीक्षा अभियान में शामिल होने हेतु प्रेरित करते हुए नेवता दिया गया। इसके साथ ही अन्य प्रचार-प्रसार के गतिविधि जैसे-दिवाल लेखन, पोस्टर, बैनर द्वारा लोगों तक इसका संदेश भी पहुंचाया गया।
सभी विकासखण्डों के विभिन्न ग्राम पंचायतों में प्राथमिक शाला के प्रधान पाठकों (ग्राम प्रभारियों) द्वारा शिक्षार्थियों के रुझान बढ़ाने के लिए पिंक केन्द्र, आदर्श केन्द्र, नेवता भोज आदि की व्यवस्था भी किया गया था। जिससे प्रेरित होकर शिक्षार्थियों ने राष्ट्रव्यापी बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान आंकलन परीक्षा में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। लोगों में इस कदर उत्साह था कि एक ही परिवार के दो से तीन सदस्य जैसे सास-बहू, माँ-बेटी, तीन पीढ़ी, बुजुर्ग, विकलांग के साथ साथ शिशुवति माताओं ने अपने छोटे बच्चों के साथ इस महापरीक्षा अभियान में शामिल हुए।
महापरीक्षा अभियान के सफलता पूर्वक एवं गुणवत्ता पूर्वक संपादन हेतु जिला स्तर से 08 निरीक्षण दलों का गठन किया गया था। जिसमें जिला मिशन समन्वयक सह जिला परियोजना अधिकारी नरेन्द्र कुमार सिन्हा के नेतृत्व में गठित दलों के प्रभारियों द्वारा महापरीक्षा अभियान का निरीक्षण किया गया। महापरीक्षा अभियान के लिए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया था।
