जिला मुख्यालय एमसीबी के नगर निगम चिरमिरी में नगर निगम महापौर का चुनाव सर पर चढ़कर बोल रहा है। लोगों में तरह-तरह की चर्चाऐं चल रही है कि, जो व्यक्ति विधायक पद पर रहा हो, विधायक पद में रहते हुए भी दूसरी बार उसको टीकट न मिला हो और इतना ही नहीं कांग्रेस पार्टी द्वारा निष्कासित भी कर दिया गया हो, इससे ज्यादा अपमान क्या हो सकता है ? जो कि वही व्यक्ति इस वक्त महापौर का चुनाव लड़ रहा है। लोगों का कहना है कि, इससे यह साबित होता है कि, सम्मान व ईमानदारी की लड़ाई नहीं, इनका मुंह ललचाया हुआ है।
मिली जानकारी के अनुसार, चिरमिरी में एक तरफ रामनरेश राय अधिवक्ता व दूसरी तरफ पूर्व विधायक डाॅ. विनय जायसवाल का आमना-सामना देखने को मिल रहा है। जिसमें मंत्री श्री श्यामबिहारी जायसवाल का सम्मान दाव पर लगा हुआ है। क्योंकि उनका विधानसभा क्षेत्र स्वास्थ्य मंत्री का हैं। दोनों व्यक्तियों का मुकाबना आमने-सामने का है।
लोगों में चर्चा है कि, डाॅ विनय जायसवाल ने तो अपनी विधानसभा की टिकट न मिलने पर, उनको महापौर का चुनाव लड़ने के बाद ही संतुष्टी मिल पायेगा। पर चिरमिरी की जनता में चर्चा है कि, पूर्व महापौर श्रीमती कंचन जायसवाल के कार्यकलापों को देखते हुए। जनता में विरोध आभास हो रहा है। इससे यह साबित होता है कि, वकिल जो नया प्रत्याशी साफ छवी का है, जिस पर कोई आरोप प्रति आरोप नहीं है। इसमें से एक अच्छी छवी के संजय सिंह भी योग्य व्यक्ति थे जिनकी छवी स्वच्छ व साफ है। जिसके द्वारा पार्टी को योगदान दिया जा रहा है। ऐसे अनुभवि व स्वच्छ छवी के व्यक्तियों द्वारा बीजेपी को समर्थन दिया जा रहा है इससे लोगों में प्रसंशा की लहर आ रही है क्योंकि कांग्रेस में जगह-जगह बगावत भी किया जा रहा है।
लोगों में चर्चा है कि, कांग्रेस प्रत्याशी को पैसे के बल पर टिकट दिया गया है। क्या कांग्रेस को विनय जायसवाल के अलावा कोई योग्य प्रत्याशी नहीं दिखा ? इससे साबित हो रहा है कि, कांग्रेस में परिवारवाद चल रहा है। इसी कारण चिरमिरी की आम जनता में आक्रोश देखा जा रहा है। वही अधिवक्ता अपनी ज्ञान व बुद्धि का पुरा ध्यान देते हुए आगे बढ़ते जा रहे है। यह समाचार आम जनता के विचारधाराओं से प्रकाशित किया जा रहा है।