सूरजपुर जिले में धान खरीदी केंद्रों में बड़ा घोटाला सामने आया है। जहां जिले के कई धान खरीदी केंद्रों में प्रबंधक नदारद मिले, जबकि उनके कर्मचारी धान खरीदी कर रहे थे।
वशिष्ठ टाइम्स समाचार पत्र के जांच टीम द्वारा जगह-जगह भ्रमण करने के पश्चात् पाया कि, सूरजपुर एवं कोरिया जिले के कई धान खरीदी केंद्रों में प्रबंधक अपने कर्मचारियों को धान खरीदी की जिम्मेदारी सौंपकर खुद नदारद रहते हैं। इससे धान खरीदी प्रक्रिया में अनियमितताएं हो रही हैं।
भ्रमण के उपरांत किसानो से प्राप्त जानकारी के अनुसार, धान खरीदी केन्द्रों में प्रबंधक के कर्मचारियों द्वारा लगभग 41 किलो 800 ग्राम धान खरीदा जा रहा है। जो कि बसदेई और केवरा धान खरीदी केन्द्र तथा और भी धान खरीदी केन्द्रों में देखा गया कि, प्रबंधक अपने केन्द्रों से नदारद रहे, ऐसा क्यों ? या तो अधिकारियों से मुंह छुपा रहे है या तो अपने जिम्मेदारी से भाग रहे है ?
मिली जानकारी के अनुसार, धान खरीदी केन्द्रों में प्रबंधक द्वारा कार्य करने के नाम पर पैसा लिया जा रहा है, जबकि शासन द्वारा धान बोरा की पल्टी करना या चढ़ाना एवं अन्य कार्य भी शासन की होती है परंतु यहां तो किसानों से ही सब कार्य करवाया जा रहा है। जानकार सूत्र बताते है कि, एक बोरा पर लगभग 16-20 रूपये तक का खर्चा आता है जो किसानों से वसूली किया जा रहा है। यह किसके इशारे पर ? शासन और प्रशासन इस पर ध्यान दें।