महाकुंभ 2025 : पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर प्रयागराज में महाकुंभ की शुरूआत हो गई है। शाही स्नान पर यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है, बीते दो दिनों से भक्त यहां जुटे हैं।
महाकुंभ 2025 के पहले दिन ही रिकॉर्ड तोड़ भीड़ उमड़ पड़ी है और करोड़ों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में डुबकी लगाई है। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को भी प्रदर्शित करता है ।
महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज पूरी तरह तैयार है, जहां देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। 12 किलोमीटर लंबे अस्थायी घाटों का निर्माण किया गया है, जो श्रद्धालुओं को पवित्र स्नान और अनुष्ठान के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक स्थान प्रदान करेंगे ।
इसके अलावा, 29 प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार और सौन्दर्यीकरण किया गया है, जो श्रद्धालुओं को धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव को बेहतर बनाने में मदद करेंगे। महाकुंभ 2025 का यह भव्य आयोजन पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को प्रदर्शित करता है।
महाकुंभ में हुई पुष्पवर्षा
महाकुंभ 2025 में अमृत स्नान के अवसर पर श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गई। यह पुष्पवर्षा उद्यान विभाग द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें 40 क्विंटल से अधिक गुलाब के फूलों का स्टॉक जमा किया गया था । इस पुष्पवर्षा के दौरान, करोड़ों श्रद्धालुओं ने संगम तट पर डुबकी लगाई और इस पवित्र अवसर का आनंद लिया ।
संगम में डुबकी लगाने वालों में विदेश से आए तीर्थयात्री भी शामिल
महाकुंभ 2025 में संगम तट पर डुबकी लगाने वालों में विदेश से आए तीर्थयात्री भी शामिल हैं। दुनिया भर से आए श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में डुबकी लगाई और इस पवित्र अवसर का आनंद लिया।
विदेशी तीर्थयात्रियों ने महाकुंभ 2025 को एक अद्वितीय और अविस्मरणीय अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को प्रदर्शित करता है, बल्कि यह दुनिया भर के लोगों को एक साथ लाने का एक अद्भुत अवसर भी है।
महाकुंभ 2025 में विदेशी तीर्थयात्रियों की भागीदारी एक महत्वपूर्ण पहलू है, जो इस आयोजन की वैश्विक महत्ता को दर्शाता है।