जिला मुख्यालय कोरिया एवं एमसीबी में कृषि विभाग के चर्चे जोरो पर चल रहा। लोगों के द्वारा देखा गया है कि, कृषि विभाग में किसानों के लिए आया बीज को उप संचालक व कृषि विस्तार अधिकारियों द्वारा व्यापारियों को बेचा जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुछ ऐसे भी कर्मचारी है जो कि जिनका रिटायरमेंट 2 महीना बचा था वह तो पूरा बीज का गोदाम ही बेच कर चले गये। जो कि हर ब्लाॅक में किसानों को देने के लिए शासन द्वारा गोदामों में भेजा जाता है। पर किसानों के नाम पर पूरा बीज या तो ऐसे लोगों को दिया जाता है जो कि छुटभईया पत्रकारों के नाम से वसूलते है। या व्यापारियों को बेच दिया जाता है।
लोगबाग में नाराजगी है कि, जब किसान को बीज दिया जायेगा तभी तो फसल होगी। अगर किसान बीज खरीद कर फसल उगायेंगे, तो सरकार को कृषि विभाग में बीज देने का क्या फायदा ? प्राप्त जानकारी के अनुसार, खाली कृषि अधिकारी व कर्मचारी सफेद कागज को काला कागज करने में लगे होते है, उनका पूरा समय कागजातों को फर्जी बनाने में लगे होते है। आज देखा जाये तो कृषि विभाग के अधिकारी करोड़ों के आसामी बने हुए है आज उनके पास यहां इतना पैसा है कि, खाने वाले भी कम पड़ेगे। वही लोगों का कहना है कि, किसानों के हक का हड़पना होता है तो वह लोग किसी-न-किसी रूप में हड़प लेते है। कृषि विभाग के उच्च अधिकारियों को जांच करना चाहिए कि, इस पर कहां तक सच्चाई है अगर है तो कार्यवाही क्यों नही? लोगों में तरह-तरह की चर्चाऐं चल रहा है कि, क्या कलेक्टर महोदया द्वारा ली जाने वाली टीएल मीटिंग में इस बात की चर्चा नहीं की जाती ? या केवल अधिकारी भीड़ बढ़ाकर टाइम पास करते है।