जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर के बाईसागर तालाब पूर्व से ही नजूल रिकाॅर्ड में चला आता रहा था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, लगभग सन् 1947-48 से पूर्व बायसागर तालाब के किनारे में एक भगवान शंकर जी का मंदिर था जिसमें गांव के लोग तालाब में नहाने-धोने, जानवरों के पानी पीने एवं मंदिर में पूजा करने जाते थे। जिसके बाद इस नजूल भूमि को एक परिवार के नाम से घोषित कर दिया गया, इसी दिन से इसका नाम बाईसागर पड़ा।
बाईसागर तालाब के पूर्व रिकाॅर्ड के अनुसार, जब सन् 1947-48 में मेंटनेंस खसरा दूरूस्त हुआ तब इसमें लोगबाग पूजा करने एवं घुमने आते थे साथ ही नहाने एवं जानवरों के पानी पीने के लिए उपयोग किया करते थे। बाद में रिकाॅर्ड के अनुसार, इस स्थान को निस्तार व तालाब घोषित कर दिया गया। फिर भी इस जगह को शुरू से ही रिकाॅर्ड को गलत रखा गया जबकि रिकाॅर्ड के अनुसार, निस्तार व तालाब जिसमें जानवरों के पानी पीने, नहाने एवं सभी जनता का हक है लिखा हुआ है।
नगरवासियों के मुताबिक, पूर्व से ही नजूल की भूमि को किसी व्यक्ति विशेष के नाम से राजस्व विभाग में नामांकित किया गया। जो कि नजूल की भूमि को कृषि भूमि में परिवर्तित करना राजस्व विभाग द्वारा धोका-धड़ी का मामला साबित हो रहा है। जानकार सूत्र बताते है कि, इसमें अपनी गलतियां छुपाने के लिए प्रशासन द्वारा सूचना अधिनियम के अनुसार जानकारी मांगने पर टाल-मटोल किया जाता है।
लोगों में चर्चाऐं है कि, अभी घोर अन्याय नगर पालिका के द्वारा किया जा रहा है जो कि किसी व्यक्ति विशेष की जमीन में रोड बनाने का अधिकार नगर पालिका का नहीं होता। परंतु नगर निवेश, नगर पालिका एवं राजस्व विभाग में नक्शा डायवर्सन व भूमि परिवर्तन का अधिकारी किसने दिया ? सभी नियम ताक पर रखकर कार्य कराये जा रहे है क्योंकि जानकार सूत्र बताते है कि, नगर पालिका को काम के एवज में कमीशन प्राप्त हो रहा है यहां शासन के पैसे का दूरूपयोग किया जा रहा है, क्या छत्तीसगढ़ शासन किसी व्यक्ति विशेष के जमीन में रोड बनाने के लिए पैसा देती है ? जबकि यह पैसा रहवासियों के नाली बनाने के लिए उपयोग होना चाहिए। जिससे नगर पालिका को टेक्स प्राप्त होता है। लोगों में तरह-तरह की चर्चाऐं चल रही है कि, नगर पालिका सरकार के पैसे को होली की तरह खेल रहा है। साथ ही यह भी कहां जा रहा है कि, नगर पालिका जगह-जगह नाली घटियां किस्म के बना-बनाकर कमीशन निकाल रहे है। इनको कोई भी कहने व सुनने वाला नहीं है। कोरिया कलेक्टर महोदया इस पर विशेष ध्यान दें कि, बाईसागर तालाब में रोड बनाने का अधिकारी किसने दिया ? जबकि यह भूमि सरकारी नहीं है। साथ ही यह भी देखा जाये कि, यह नगर पालिका का मनमानी है या तानाशाही ?