छत्तीसगढ़ में हर जिले के धान खरीदी केन्द्रों में किसानों से धान खरीदा जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जगह-जगह के धान खरीदी केन्द्रों में जो पूर्व से धान खरीदने के लिए प्रबंधक बनाये गये थे उनकों पैसे एवं पहुंच के बल पर परिवर्तन किया गया। यहां तक कि, नियुक्त किये गये एवं प्रबंधकों को दबाव व पैसे के बल पर हटाये गये।
मिली जानकारी के अनुसार, जितने भी जांचकर्ता धान खरीदी केन्द्र में जुटे हुए है उनसे ज्यादा तो कैमरा चमकाने वाले लोग पहुंचे हुए है। जो कि हेरा-फेरी को दबाने का कार्य करेगा। जानकार सूत्र बताते है कि, एक-एक धान खरीदी केन्द्र से करोड़ों का हेरा-फेरी होगा। यह सोचने वाली बात है कि, धान खरीदी में पैसा कहां से आयेगा एवं किस-किस को बटेगा ? जिसमें ऐसा कौन सा अधिकारी होगा जो पैसा लेने से वंचित नहीं रहेगा एवं जांच भी करते रहेगा ? यही हमारे छत्तीसगढ़ का छाप बना हुआ है।