कोरिया : उम्र के आखिरी पड़ाव पर जब हौसले टूटने लगते हैं, तब एक उम्मीद की किरण जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती है। ऐसा ही हुआ कोरिया जिले के बुजुर्ग वर्षीय किसान बिग्गू प्रसाद के साथ। दो वर्षों से परेशान और हताश बिग्गू प्रसाद को आखिरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला और उनके संघर्ष का अंत हुआ।
परेशानी की शुरुआत
बिग्गू प्रसाद, बड़ेसाल्ही गांव के निवासी, ने 25 सितंबर 2022 को सीएससी सेंटर के माध्यम से योजना के लिए पंजीकरण कराया था। उनका सपना था कि उन्हें मिलने वाली सम्मान निधि से वे अपने खेत और परिवार की जरूरतें पूरी कर सकें। लेकिन, दो साल बीत गए, और उन्हें एक भी किस्त प्राप्त नहीं हुई।
कई बार तहसील, ब्लॉक और कृषि विभाग के कार्यालयों के चक्कर काटने के बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ। बुजुर्ग शरीर और कमजोर होती हिम्मत के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी।
जनदर्शन बना उम्मीद की किरण
8 अक्टूबर 2024 को, बिग्गू प्रसाद ने अपनी आखिरी उम्मीद के साथ कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी के समक्ष जनदर्शन में अपनी समस्या प्रस्तुत की। कलेक्टर ने उनकी बात ध्यान से सुनी और तत्काल कृषि विभाग और संबंधित अधिकारियों को समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर के निर्देश पर एनआईसी द्वारा पोंड़ी बचरा तहसील की एलजीडी मैपिंग प्रक्रिया पूरी की गई। इसके बाद, योजना के तहत बिग्गू प्रसाद का पंजीकरण सफलतापूर्वक पूरा हुआ। अब उन्हें भविष्य में मिलने वाली सभी किस्तें सीधे उनके बैंक खाते में पहुंचेंगी।
संघर्ष से सम्मान तक
यह केवल एक बुजुर्ग किसान की समस्या का समाधान नहीं, बल्कि उनकी मेहनत और हौसले का सम्मान भी है। बिग्गू प्रसाद ने कहा, ’’मैंने सोचा था कि मेरी समस्या कभी खत्म नहीं होगी, लेकिन जनदर्शन और कलेक्टर मैडम की मदद से मुझे मदद मिला है’’ प्रशासन की संवेदनशीलता और तत्परता यह साबित करती है कि जनहित के लिए सही प्रयास किए जाएं, तो समस्याएं जरूर सुलझती हैं।