सूरजपुर जेल में बंद निलंबित पुलिस आरक्षक दीपक सिंह के विरूद्ध एक और धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। वही जयनगर थाना में पदस्थ रहते हुए न्यायालय में जमा करने के लिए दी गई जुआ के 181 प्रकरणों की करीब चार लाख रुपये की राशि गबन करने का आरोप इस बार दीपक सिंह पर लगा है। इसके साथ ही आरोपी ने 152 मामलों की चार्जशीट भी न्यायालय में जमा नहीं की है।
बता दें कि, आरक्षक दीपक सिंह पर सरकारी धन का गबन करने के आरोप पहले भी लग चुके हैं। पिछले छह माह में यह चौथा मामला है जिसमें धोखाधड़ी की पुष्टि हुई है। मई में मामला उजागर हुआ था। जब जयनगर थाना में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत वसूले गए करीब 17 लाख रुपये को न्यायालय में जमा करने की बजाय फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से हड़पने का आरोप लगा। इस मामले में जयनगर थाना में धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर उसे निलंबित कर सूरजपुर जेल भेजा गया।
जांच के दौरान यह भी पाया गया कि विश्रामपुर थाना में पदस्थ रहते हुए उसने न्यायालय में जमा करने के लिए दिए गए ढाई लाख रुपये और बाद में 62 हजार रुपये का भी गबन किया था। इन दोनों मामलों में विश्रामपुर थाना में अलग-अलग धोखाधड़ी के अपराध दर्ज किए गए थे। संतोष महतो एडिशनल एसपी सूरजपुर ने बताया कि साल 2017 से 2022 तक जयनगर थाना में पदस्थ रहते हुए दीपक सिंह ने लगभग चार लाख रुपये का गबन किया। अब जयनगर पुलिस ने सरकारी रकम के दुरुपयोग और गबन के इस मामले में निलंबित आरक्षक पर धोखाधड़ी का एक और मामला पंजीबद्ध किया है।
आरोपी से पूछताछ और जांच पड़ताल जारी – एसएसपी एमआर आहिरे ने कहा, इस केस में जांच के दौरान अगर किसी अन्य व्यक्ति, आरक्षक या बैंक कर्मी का शामिल होना पाया जाता है, तो उनके खिलाफ भी हम कार्रवाई करेंगे। आरोपी आरक्षक कई और जगहों पर पदस्थ था। उन जगहों पर भी जांच की जा रही है।