सरपंच ने बताया कि श्री रामखिलावन की स्वास्थ्य की देखभाल इनके बच्चों द्वारा किया जा रहा था। श्री रामखिलावन को उचित मूल्य दुकान से समय पर राशन (चावल) मिल रहा था। इनके 14 वर्षीय बड़े पुत्र लगातार अपने पिताजी का सेवा कर रहे थे।
दीवाली के कुछ दिनों पहले ग्राम में स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण व श्रम विभाग द्वारा शिविर लगने के दौरान श्री रामखिलावन की स्वास्थ्य खराब होने की जानकारी मिलने पर जिला चिकित्सालय की टीम घर पहुँच कर जांच, उपचार भी किया था। डॉक्टरों ने परीक्षण में पाया कि उन्हें रायपुर में भर्ती कर इलाज कराया जाएगा। समाज कल्याण विभाग के अधिकारी श्री आलोक भुवाल ने उन्हें दीपावली के बाद ट्रायसकिल भी देने वाले थे ताकि श्री रामखि़लावन उठ-बैठ सके।
06 नवम्बर को सरपंच के पति से विकास विस्तार अधिकारी ने दूरभाष पर बात करके गांव पहुंचने की जानकारी दी तब श्री मुकेश सिंह ने बताया कि श्री रामखिलावन की मृत्यु 5 अक्टूबर को सम्भवतः रात को हो गया था, जिसकी जानकारी सुबह करीब 9 बजे श्री रामखिलावन के बच्चों ने रोते हुए जानकारी दी। श्री रामखिलावन की दाह संस्कार का रस्म ग्राम सरपंच के नेतृत्व में किया गया व श्रद्धांजलि योजना के तहत मदद भी की गई है साथ ही आगे भी अन्य कार्य किया जाएगा।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री आशीष गुप्ता, बाल कल्याण अधिकारी सुनील शर्मा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग श्रीमती उषा लकड़ा, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी, श्री रामखिलावन के घर पंहुचकर आश्वस्त किया था कि दीपावली पर्व के बाद श्री रामखिलावन को वृद्धा आश्रम रायगढ़ व बच्चों को अम्बिकापुर या अन्य किसी हॉस्टल में शिफ्ट किया जाएगा। श्री रामखिलावन की आकस्मिक मृत्यु पश्चात जिला प्रशासन के निर्देश पर फिलहाल तीनों बच्चों को बालगृह में रखें हैं साथ ही एक अन्य बच्चे को आश्रम में रखे हैं।
कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी ने बच्चों से मुलाकात की और उन्हें ढाँढस भी दिया, वहीं अधिकारियों को गांव भेजकर समुचित जानकारी लेने व बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।