बैकुण्ठपुर मुख्यालय में बाईसागर तालाब को लेकर कलेक्टर महोदया जी को लगभग 15 दिनों में दो बार शिकायत किया जा चुका है, परंतु आज दिनांक 10/09/2024 तक कोई भी किसी प्रकार की कार्यवाही न होना संदेह के दायरे में आ रहा है। लोगों में चर्चाऐं चल रहा है कि, जब एक कलेक्टर एक ब्लाक को संभालने में ये हाल हो रहा है तो जो कलेक्टर दो-तीन ब्लाक संभालते है उनका क्या हाल होता होगा ?
वही कलेक्टर होना एक जिम्मेदारी पद है जिसमें जिम्मेदारी न निभाना एक लापरवाही माना जाता है। चैक-चैराहे पर लोगों में चर्चाऐं चल रही है कि, क्या कलेक्टर भू-माफियों के दबाव में है ? बड़ी विडम्बना की बात है कि, अब तो बैकुण्ठपुर का हाल पूर्व कलेक्टर के स्थिति से भी गंभिर है। क्योंकि जब पूरे कागजात पू्रफ सहित दिया जाता है इसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं की जाती। क्या प्रशासन उस तालाब में किसी की बली चाहता है ?
जानकार सूत्र बताते है कि, जिला पंचायत सीओ का रिश्तेदार बैकुण्ठपुर में होने से लोगों पर दबाव कई रूप में देखे जा रहे है उसका उल्लेख करना उचित नहीं। बड़ी विडम्बना कि बात है कि, तालाब में निर्माण को रोकना कलेक्टर के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है। बताया जा रहा है कि, लगभग 6 लाख रूपये में तालाब को खरीदा गया है और लगभग 35 लाख का लोन भी 3 डिसमिल जमीन में बनाने के लिए बैंक पर फानेंस किया गया है।
इस संबंध को लेकर श्रीमान सरगुजा संभाग आयुक्त को भी प्रशासन की लापरवाही के संबंध में अवगत कराया गया है कि, तालाब में निर्माण काय रोकने में कोरिया प्रशासन सक्षम नहीं है। जबकि राष्ट्रीय स्तर के समाचार लेखक के द्वारा अपनी कलम से लिखा गया, उसके बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रहा है। साथ ही माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी को भी बैकुण्ठपुर प्रशासन के संबंध में लिखा गया है कि, बैकुण्ठपुर का प्रशासन भू-माफियों के दबाव में कार्यवाही करने में नाकाम है। जो कि अब बैकुण्ठपुर की स्थिति भू-माफियों के दबाव में प्रशासन नतमस्तक हो चुका है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भू-माफियों में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं, जो नजूल की जमीनों को अपने रिश्तेदारों के नाम न कराया हो। क्योंकि ये भू-माफिया अपने परिवार व अपने पैसों का धौस दे रहे है। आजकल के जमाने में रावणरूपी विचारधारा की व्यक्ति किसी का भी नाली का पानी बंद व सेप्टी टेंक के सामने गड्डा खोदवाने का हरकते करते जा रहे है। जबकि पूर्व रिकाॅर्ड में देखा जा सकता है कि, बाईसागर तालाब निस्तार की भूमि है। फिर भी उस निस्तार की भूमि में गुंडागर्दी व प्रशासन पर दबाव ये सभी हकतें हो रही है।