बैकुण्ठपुर मुख्यालय में कलेक्टर महोदया, एसडीएम एवं तहसीलदार महोदया जी बैकुण्ठपुर राजस्व विभाग के ऋण की हड्डी है। बताया जा रहा है कि, राजस्व विभाग द्वारा आरआई व पटवारी जमीनों की हेरा-फेरी करने में माहिर है। पूर्व में एक बिल्डर को भी एक जमीन दे दिया गया था और मौके की जमीन मेन रोड को अपने नाम चढ़वा लिया गया। इसी प्रकार बैकुण्ठपुर मेन रोड में बाईसागर तालाब है उसको भी आरआई व पटवारी द्वारा उस तालाब को कृषि भूमि की जमीन में परिवर्तित कैसे कर दिया गया ? जबकि पूर्व रिकाॅर्ड में लिखा हुआ है कि, ये तालाब जानवारों के पानी व निस्तार की भूमि घोषित है। ये तालाब बैकुण्ठपुर के भू-माफियांे के नाम पर रजिस्ट्री कैसे हुई ?
जानकार सूत्र बताते है कि, तहसीलदार, आरआई व पटवारी द्वारा लम्बी रकम लेकर तालाब को कृषि भूमि में परिवर्तित किया गया है। ये भी देखने वाली बात है कि, जिस तालाब में सैकड़ों के तादाद पर सागौन के वृक्ष थे और उस तालाब में हजारों मछलियों की हत्या हुई है। जबकि बैकुण्ठपुर के पब्लिक ने अपने आंखों से देखा है कि, भू-माफियों द्वारा तालाब का पानी निकाल दिया गया, साथ ही हरे-भरे वृक्षों को कटवा दिया गया। ये किसके निर्देश पर कटवाया गया ? एवं किसके निर्देश पर तालाब को भाटा गया ?
मिली जानकारी के अनुसार, बाईसागर तालाब को लगभग 6 लाख रूपये में भू-माफियों ने खरीदा है। जिसके बाद रजिस्ट्री में तालाब एवं वृक्षों को विलोपित कर लिया गया। बताया जा रहा है कि, इन भू-माफियों के गिरोह में एक व्यक्ति कृषि व उद्यानिक विभाग का भी है क्योंकि यह व्यक्ति इन विभागों में फर्जी बिल लगा-लगाकर करोड़ो का रकम निकाला है। जिसको आगे बताया जायेगा कि, किस जगह से कितना फर्जी बिल लगाकर पैसा निकला गया है। इनके द्वारा चार जिलों में करोड़ों का घोटाला किया गया है। लोगों में चर्चा है कि, पूर्व उप संचालक कृषि विभाग अधिकारी को लगभग दस-बारह लाख का कार भी दिया गया।
जानकार सूत्र बताते है कि, इन भू-माफियों का लगभग 15 लोगों का समूह है जो कि जीव हत्यारे के रूप में जाना जाता है इन लोगों के द्वारा तालाब में रहने वाले मछलियों की हत्या एवं हरे-भरे वृक्षों को भी काट दिया गया साथ ही उसमें रहने वाले पक्षियों को भी मार दिया गया। ऐसे व्यक्ति अपराध के श्रेणी में आते है।
इस संबंध को लेकर विस्तार से जानकारी माननीय मुख्य न्यायाधीशापति, जनरल रजिस्ट्रार, माननीय न्यायाधीशपति, उच्चतम न्यायालय, महामहिम राज्यपाल, माननीय मुख्यमंत्री एवं माननीय राजस्व मंत्री जी से उल्लेख किया गया है कि, दसों वर्षो से आवेदक इनके कार्यकलापों को देखते चला आ रहा है। बता दें कि, पूर्व कलेक्टर महोदय एवं एसडीएम महोदया जी को भी पूर्व में अवगत कराया जा चुका है, परंतु इन भू-माफियों का इतना दबाव रहा है कि, प्रशासन का आवाज ही नहीं निकता और न ही कार्यवाही किया जाता है। जबकि कागजों पर साफ तौर पर लिखा हुआ है कि, ये तालाब है जिसमें पशु-पक्षी, जानवर के पानी पीने के लिए है एवं निस्तार की भूमि है। इससे प्रतित होता है कि, कानून को खरीदा गया और आवेदक के ऊपर भू-माफियों का दबाव बनाया जा रहा है इस दबाव के कारण संपादक अपनी पत्रकारिता और अपनी लेखनी सुरक्षित करने के लिए श्रीमान् पुलिस महानिर्देशक रायपुर और श्रीमान पुलिस महानिरीक्षक अम्बिकापुर को भी सूचनार्थ भेजा गया है। बता दें कि, बैकुण्ठपुर के अंदर तालाब का एक ही मामला नहीं है इसके आलावा भी कई तालाब है जिसे आरआई, पटवारी और भू-माफियों के मिलीभगत से कृषि भूमि दर्ज कर भाट दिया गया है। बताया जा रहा है कि, ये भू-माफिया गुंडो से भी संबंध रखते है। लोगों का कहना है कि, हमको तालाब बचाना है चाहे कुछ भी कुर्बानी देना पड़े। आगे नगर निवेश एवं डायवर्सन के विषय में प्रकाशित क्रमशः किया जायेगा।