बैकुण्ठपुर मुख्यालय के जिला जेल में रक्षाबंधन के पर्व पर कैदियों भाईयों से उनके बहनों द्वारा राखी बांधने के लिए जेल पहुंचे हुए थे। बहनों द्वारा खिड़कियों से राखी बांधने की बहुत कोशिश की गयी। परंतु जानकार सूत्र बताते है कि, उन बहनों को अपने भाईयों से मिलने/मुलाकात के लिए हवलदारों द्वारा पैसों की वसूली की गयी। बताया जा रहा है कि, बिना पैसे लिये किसी को भी राखी बांधने नहीं दिया गया।
जानकार सूत्र बताते है कि, जेल में एक महिला शिक्षक के रूप में कैदियों को पढ़ाने का कार्य करती है। कुछ लोगों का कहना है कि, पूरा जेल ही उसी महिला के मथे चलती है। सोचने वाली बात है कि, जिस स्थान को सुधारगृह कहा जाता है उस स्थान पर अधिकारी/कर्मचारी पैसे के लालच में नतमस्तक हो चुके है तो अब क्या कहा जा सकता है ? बताया जा रहा है कि, जेल के नाम पर उसको कांजी हाउस बना कर रखे हुए है। जैसे जानवरों के साथ दूव्र्यवहार किया जाता है उसी प्रकार जेल में कैदियों के साथ किया जा रहा है।
जानकार सूत्र बताते है कि, जो कैदियों के लिए दुध, चाय पत्ती, चावल, गेंहु, दाल और सब्जियां लायी जाती है उसे वहां के देखरेख वाले, खाने का भण्डार को संभालने वाले हवलदार इन सभी सामानों को चुरा कर ले जाते है। ये सोचने वाली बात है कि, जेलर के नेतृत्व में ये कैसा अन्याय ? कुछ लोगों का कहना है कि, जेल या तो जेलर के इशारे पर चल रहा है या तो कैदी शिक्षक मैडम के इशारे पर। ये सभी विचारधाराऐं जनता की है। आगे विस्तार से प्रकाशन टीम के जांच के बाद किया जायेगा।