बैकुण्ठपुर मुख्यालय में एक अजिबो-गरीब गाथा देखने को मिली, जिसमें कुछ लोग जोश में होश खो बैठे है। बता दें कि, 15 अगस्त 1947 में भारतवासियों को अंग्रेजो से आजादी मिली थी इस अवसर पर स्वतंत्रता दिवस के रूप में हर वर्ष राष्ट्रीय त्यौहार धुम-धाम एवं हर्षो उल्लास से मनाया जाता है। इसी कड़ी में देखा गया कि, 15 अगस्त 2024 को कुछ बुद्धजीवियों द्वारा झण्डा फहराया गया जिसमें फुलों का भी उपयोग किया गया था परंतु देखने वाली बात यह थी कि, जिस फुल को देवी-देवताओं में श्रद्धा-भाव से अर्पण किया जाता है उस फुल को पैरों तले रौंद दिया गया है। ये बड़ी विडम्बना है कि, बुद्धजीवी लोग ही ऐसा करेंगे तो समाज के ऊपर क्या प्रभाव पड़ेगा ?