बैकुण्ठपुर मुख्यालय में बीजेपी द्वारा लम्बी-लम्बी विकास की बाते करने वाले आम पंचायतों का विकास तो नहीं कर पाये, परंतु अपना विकास बेखुबी कर रहे है। ग्राम पंचायत आनी को ही देख लिजिए लोगों को निकलने तक का रास्ता ही नहीं मिल रहा। गलियां किचड़ों से भरी पड़ी है। यहां तक कि, पानी की टंकी शो-पीस के लिए बना दिया गया है और वही दूसरी ओर ग्रामवासी पानी के लिए तरस रहे है। ऐसा मालूम पड़ता है कि, ग्राम पंचायत के सरपंच को मोतियाबिन हो गया है जो कि ग्राम पंचायत की उबड़-खाबड़ गलियां एवं परेशानियां दिखायी ही नहीं दे रही है। यही नहीं गांव की अनेको समस्या नजर ही नहीं आ रही है।
बता दें कि, यहां के नेताओं, सरपंच एवं सचिव द्वारा भी किसी प्रकार की लाभ एवं हानि की सूचना भी नहीं दी जाती है न ही गांव विकास किया जा रहा है। इससे मालूम पड़ता है कि, जब तक सरपंच अपने पद पर रहेगें, तब तक उसको ग्राम पंचायत की कोई भी समस्या नहीं दिखायी देगा।
जानकार सूत्र बताते है कि, सरपंच व सविच शासन के पैसों का बंदरबांट कर रहे है। ऐसा लगता है कि, उसको अब पंचायत से कोई लेना देना नहीं है। लोगों में चर्चा है कि, सरपंच को कम-से-कम ग्रामीणों की समस्या को देखना तो चाहिए। इनकी जिम्मेदारी होती है कि, बरसात से पहले रोड व गली में मुरूम बिछवा दें। ताकि ग्रामवासियों को आवागमन करने में सुविधा हो सके। परंतु ऐसे लापरवाह सरपंच को क्या कहेंगे ?
लोगों में चर्चा है कि, सरपंच व सचिव गांव का क्या विकास करेंगे ? ये तो अपने ही विकास करने में लगे हुए है। इससे साबित हो रहा है कि, गांव का विकास तो दूर की बात है यहां तो विनाश ही हो रहा है।