बैकुण्ठपुर मुख्यालय में एक व्यक्ति पर पुलिस की छत्रछाया बनी हुई है। जानकार सूत्र बताते है कि, चरचा थाने से एक ट्रक से कोयला खाली करके कबाड़ी को बेच दिया गया। चर्चा का विषय है कि, थाना प्रभारी ने कुछ पैसा लेकर एक अपराधी को जिम्मा दे दिया था। लोगों द्वारा बताया जाता है कि, उस कबाड़ी वाले को ट्रक पच्चास हजार में बेच दिया गया। जो कि वह गाड़ी पांच सालों से थाने में खड़ी थी। जानकार सूत्र बताते है कि, उस ट्रक को स्टाॅम में लिखकर बेचा गया है जो कि ट्रक के असल मालिक का नाम उस स्टाॅम में नहीं है। अब उस गाड़ी को अपराधी किस्म के व्यक्ति को बेच दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, ये व्यक्ति कोरिया जिले के अंदर इसी प्रकार के गाड़ियों को सूरजपुर में कबाड़ी वाले को बेचता है। जानकार सूत्र बताते है कि, इस गैंग में और भी लोग है। यहां तक बताया जाता है कि, कुछ राजनेताओं का भी हाथ है। क्योंकि सत्ता का धौस दिखाकर कुछ विधायक छत्तीसगढ़ के अंदर असामाजिक तत्वों को संरक्षण दे रहे है। और जानकार सूत्र बताते है कि, विधायकों के पास लगभग दस लाख रूपये का इंकम असामाजिकतत्वों से कमाते है। लोगों के सामने जीता-जागता प्रमाण देखने को मिल जायेगा, जो कि एक विधायक प्रतिनिधि चालिस लाख के गाड़ी में चल रहा है। सोचने वाली बात है कि, विधायक प्रतिनिधि के पास इतना पैसा आया कहां से ? ये जांच का विषय है।
वही हर जिले के कलेक्टरों एवं विधायकों द्वारा दबाव चल रहा है। इस दबाव से ईमानदार लोग प्रताड़ित हो रहे है। क्योंकि विधायकों को कोई मतलब नहीं है कि, आगे सरकार बने या न बने। अब देखना ये है कि, बीजेपी हाई कमांड ऐसे विधायकों पर अंकुश कर पायेगा। और क्या मोदी सरकार ऐसे भ्रष्ट लोगों को ईडी के हवाले करेंगे या नहीं ? जानकार सूत्र बताते है कि, छत्तीसगढ़ के कलेक्टरों एवं पुलिस अधीक्षकों के ऊपर विधायकों द्वारा दबाव बनाया जाता है। छत्तीसगढ़ के जनता ऐसे ही प्रताड़ित होती रही तो बीजेपी सरकार आने वाले पांच सालों में मिट जायेगी। ये सभी विचारधाराऐं जनता की है।