जिला कोरिया के ब्लाॅक सोनहत में जनपद पंचायत के सीईओ (मनोज सिंह जगत) जब से सोनहत में पदस्थ हुए है। बताया जा रहा है कि, उनके व्यवहार से कोई भी स्टाॅफ का व्यक्ति खुश नहीं है। जानकार सूत्र बताते है कि, सीईओ अपने कार्यालय में समय पर नहीं बैठते, जब भी पूछा जाये तो बताते है साहब फिल्ड में गये हुए है। लोगों के द्वारा बताया जाता है कि, सीईओ अपने कर्मचारी व ग्रामीणों से ऊँची आवाजों में बात करता है और कहता है कि, कोई मेरा कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता।
जानकार सूत्र बताते है कि, सीईओ हर पंचायतों के सचिवों से पैसे वसूलते है। यहां तक कि, एक-एक सचिव को दो-तीन पंचायत दे रखे है। ताकि उनसे मोटी रकम वसूल सके। वही गोड़वाना के प्रदेश सचिव द्वारा बताया जाता है कि, मुझे भी धमकी दिया जा रहा है। सोचने वाली बात है कि, श्रीमान् महेन्द्र सिंह जी के निवास स्थान पर नाली निर्माण की खोदाई हो चुकी थी परंतु उस नाली को क्यों पाट दिया गया ? क्या सीईओ की अपनी द्वेष है या कुछ और ?
लोगों में चर्चा है कि, सीईओ साहब काम कराने का दस प्रतिशत कमिशन मांगते है। यहां तक कि, कुछ सचिव ऐसे भी है जिन्होनंे पंचायतों में घोटाले किये है और उन्हें दूसरा पंचायत सौंप दिया गया है क्योंकि बताया जाता है कि, सचिव लोग भी फर्जी बिल बना-बनाकर पैसा निकाल रहे है, क्योंकि उनको भी सीईओ को कमिशन देना पड़ता है।
मिली जानकारी के अनुसार, सोनहत ब्लाॅक में एक भी सचिव ऐसा नहीं है जिनके पास कार न हो। सोचने वाली बात है कि, ये पैसा आया कहां से ? यहां तक लोगों में चर्चा है कि, इनके सीईओ के बाबू भी सचिवों से पैसे मांगते नजर आ रहे है। जब राज्य शासन के पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है तब इन सचिवों पर जांच किया जाये, जिससे ये पता चल जायेगा कि, कहां-कहां काम हो रहा है और कहां काम नहीं हो रहा तथा किस-किस काम के लिए कितना पैसा निकाला जा रहा है।
जानकार सूत्र बताते है कि, सोनहत के सचिव राजवाड़े कभी भी पंचायत में नहीं मिलेगें, क्योंकि इनके पास में दो पंचायतों का भार दे दिया गया है। परंतु उन दोनों पंचायतों में भी कभी बैठते नजर नहीं आयेंगे। जनपद पंचायत सोनहत के आॅपरेटर महिला द्वारा मालूम पड़ा है कि, उनकी वेतन 2200 रूपये महीने है इसके बावजूद भी दो-चार माह बाद वेतन मिलता है। अब सोनहत ब्लाॅक के ऐसे जनपद पंचायत के सीईओ से सभी नराज है। यहां तक कि, लिखित में भी शिकायत किया गया है कि, सीईओ का व्यवहार अमानीय है। जब किसी ग्रामीणों से बात करते है तो ऐसा मालूम पड़ता है कि, सीईओ लड़ने आया है। सभी लोगों की मांग यही है कि, सीईओ का स्थानांतरण कराना बहुत जरूरी है। इसकी आगे की जानकारी टीम द्वारा जांच कर कर रही है।