बैकुण्ठपुर मुख्यालय में तहसील कार्यालय का बूरा हाल है। एक कहावत है कि, ‘‘जैसे पिया घर रहे, तैसे गये विदेश’’। वही पूर्व से ही जिले की स्थिति दिन-प्रति-दिन खराब होती जा रही है जैसे पूर्व विधायक का समय था आज भी वैसा ही समय चल रहा है न जिले का कोई विकास हो रहा है न कोई कार्य हो पा रहा। जानकार सूत्र बताते है कि, केवल अधिकारियों द्वारा जनता से वसूली किया जा रहा है।
लोगों में चर्चा है कि, तहसील में बाबू राज छाया हुआ है जहां तक सूत्र बताते है कि, तहसील से फाईल भी गुम हो रहा है। बताया जा रहा है कि, बाबूओं द्वारा कहा जाता है कि, छत्तीसगढ़ में ऐसा कोई नेता व अधिकारी पैदा नहीं हुआ जो मेरा स्थानांतरण करा सके। बाबू का कहना है कि, मैं औरों का स्थानांतरण करा सकती हूँ पर मेरा स्थानांतरण कोई नहीं करा सकता। जानकार सूत्र ये भी बताते है कि, बाबू द्वारा कहा जाता है कि, मैं कलेक्टर तक का स्थानांतरण करा सकती हूँ।
जानकार सूत्र बताते है कि, आर.आई. (शिव कुमार) द्वारा पैसा लेकर रिपोर्ट बनाया गया जिसमें आर.आई ने अपने रिपोर्ट में ये नहीं बताया कि, आवेदक के घर में बरसात का पानी रूक रहा है। तहसील में रिपोर्ट पहुंचने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं किया जाता है वही दिन-प्रति-दिन जनदर्शन कार्यक्रम में तहसील कार्यालय के प्रति शिकायतें पहुंच रही है फिर भी तहसील कार्यालय को कोई भी फर्क नही पड़ा। जनता जानना चाहती है कि, प्रशासन व एस.डी.एम. महोदया कार्यवाही करने में किस प्रकार की देरी लोगों में दर्शाया जा रहा है ? जिसके वजह से तरह-तरह की चर्चाऐं शहर में बनी हुई है।
लोगों द्वारा बताया जा रहा है कि, आज भी तहसील एवं एस.डी.एम. कार्यालय में दलालों का आवागमन चल रहा है। ऐसा मालूम पड़ रहा है कि, दलालों द्वारा कोई कूट षणयंत्र चलने वाला है। क्या प्रशासन ऐसे दलालों पर मौन व मुख दर्शक बने रहेगें या कार्यवाही भी करेंगें ?
लोगों में चर्चा है कि, जिस बाबू के ऊपर लोगबाग द्वारा लिखित में तरह-तरह की आवाज उठाया जा रहा है उसको देखते हुए भी प्रशासन के ऊपर प्रश्व चिन्ह उठ रहा है। वही तहसील न्यायालय के ऊपर सामाज व लोगों के लिए न्यायालय है जिसको सम्मान करना चाहिए, परंतु बाबूओं द्वारा न्यायालय न समझ कर बाबू राज में तबदिल कर लिया गया है। जानकार सूत्र बताते है कि, बाबू का करोड़ों रूपये का मकान भी है जिसकी जानकारी अपने विभाग को बताया गया है या नहीं। जानकार सूत्र बताते है कि, बाबू के दिशा-निर्देश में ही तहसीलदार कार्य करते है।
बता दें कि, वशिष्ठ टाइम्स समाचार के संपादक ने एस.डी.एम. महोदया जी को तहसील कार्यालय के वास्तविकता को अवगत कराया कि, आर.आई द्वारा रिपोर्ट दिया गया था फिर भी तहसीलदार द्वारा आदेश नहीं दिया गया, इससे मालूम पड़ता है कि, बाबू के दबाव में तहसीलदार हैं। ये समाचार जनता के विचारधाराओं से लिखा गया है।