बैकुण्ठपुर जिला-कोरिया के तहसील कार्यालय में शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की नियुक्ति किस अधिकारी ने किया ? क्या इनका वेतन शिक्षा विभाग देता है या तहसील कार्यालय। लोगो में चर्चा है कि, इतनी बड़ी जिम्मेदारी आय, जाति और निवास के कार्य को देवेन्द्र जायसवाल को क्यों दिया गया है। जबकि वह एक अर्द्धशासकीय कर्मचारी है। जानकार सूत्र बताते है कि, देवेन्द्र जायसवाल आय, जाति और निवास बनाने के लिए लोगो से लम्बी रकम लेता है।
लोगों में चर्चा है कि, बैकुण्ठपुर के एस.डी.एम. अर्द्धशासकीय बाबू को निलंबित किया गया तो तहसील में ऐसे अर्द्धशासकीय एक नहीं कई पाये जा सकते है। उन पर कार्यवाही क्यों नहीं किया जा रहा है ? जानकार सूत्र बताते है कि, तहसील कार्यालय में बाबूओं द्वारा बिना पैसे लिए कोई काम नहीं करते। इस पर वशिष्ठ टाइम्स समाचार में कई बार आवाज उठाया गया। परंतु प्रशासन द्वारा नजर-अंदाज क्यों ?
मिली जानकारी के अनुसार, बैकुण्ठपुर की आम जनता तहसील की कार्य प्रणाली से त्रस्त हो चुकी है। तहसीलदार अपने कार्यालय में बारह बजे आते है, सोचने वाली बात है कि, दो घण्टा बैठकर कितना कार्य निपटाया जा रहा है। इससे प्रतीत हो रहा है कि, पूरा कारोबार बाबूओं के मथे चल रहा है। वही जनता का दरबार तहसील में लगा रहता है और शाम को चले जाते है। उनका कोई देखने व सुनने वाला नहीं। जब श्रीमान सरगुजा संभाग के आयुक्त को तहसीलदार महोदया जी नजर-अंदाज कर सकती है तो इससे बड़ा शासन को क्या चुनौती दिया जा सकता है। इस संबंध में कलेक्टर व एस.डी.एम. को बार-बार अवगत कराया गया परंतु एक माह से अधिक हो गया, कोई कार्यवाही नहीं हुई। वही छत्तीसगढ़ शासन को भी फोन द्वारा अवगत कराया गया है। परंतु अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।