मनेन्द्रगढ़ कृषि उप संचालक विभाग में किसानों के लिए जो बीज की सुविधा दी गयी है। उसमें लोगों द्वारा बताया जाता है कि, पूर्व का एस.डी.ओ. कृषि विभाग में आर.ई.ओ. से बीज खरीद रहा है। और बाजारों में बेच रहा है। यहां तक कि, हर ब्लाॅक में एस.डी.ओ., कृषि विस्तार अधिकारी हर पंचायतों में बीज बांटा गया है। उस बीज को हर पंचायत के विस्तार अधिकारी बेच रहे है। आज देखा जाए तो जितने भी विस्तार अधिकारी है मालामाल बन चुके है।
वही खड़गवां ब्लाॅक का हर्ष अहिरवार जो कि अपनी जाति का धौस देता है। वह खुलेआम जनकपुर के अशोक चैन को बीज बेच रहा है। और किसानों को बीज नहीं दिया जा रहा है। अभी अशोक जैन जनकपुर में निवासरत है। पूर्व में अशोक जैन खड़गवां में एस.डी.ओ. था उसके बाद जनकपुर में स्थानांतरण हुआ। अब आर.ई.ओ. से मिलकर बीज बेच-बेचकर मालामाल हो रहे है। अब देखना यह है कि, क्या एम.सी.बी. कलेक्टर कार्यवाही करने के निर्देश देंगे ?
मिली जानकारी के अनुसार, कुछ नये पीढ़ी के पत्रकार जिनको भिखारी का रूप दिया जाये वो भी कम है। क्योंकि ये पत्रकार कृषि विभाग केन्द्र, ब्लाॅक केन्द्र और पंचायतों में भी जाकर पत्रकारिता के नाम पर धमकी देकर बीज ले रहे है। जानकार सूत्र बताते है कि, पोर्टल वाले पत्रकार ऐसे होते है कि, जब अधिकारी पैसा दे देता है तभी उसका व्यवहार व खूबियां पोर्टल न्यूज पर डालते है। वही लोग पत्रकारिता को तार-तार करने वाले पत्रकार किसानों के हक का बीज लेकर अपना घर चला रहे है। जिसको भरपूर बीज नहीं मिलता तो विस्तार अधिकारी धमकी देते है कि, हम सूचना अधिकार के तहत जानकारी निकालेगें। ऐसे ही जात से परजात भागी हुई महिलाऐं भी है जो अपनी बेशर्मी की हद पार कर दिये है।
अब देखना यह है कि, कृषि मंत्री रामविचार नेताम ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों पर कार्यवाही कर सकेंगें ? जो कि कुछ कर्मचारी बाहर से आकर छत्तीसगढ़ में नौकरी कर रहे है। और करोड़ों की आसामी बना लिए है। क्या कृषि विभाग से बीज खरीदने का अनुमति लिया गया है या नहीं ? और यह किसके निर्देश पर खरीदा गया है।