मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के द्वारा जनहित के सेवाओं में पूरी निष्ठा एवं तत्परता के साथ काम करने के निर्देश है, जिसके परिपालन में विद्युत कंपनियों के अध्यक्ष श्री पी. दयानंद तथा प्रबंध निदेशक पारेषण एवं वितरण, श्री राजेश कुमार शुक्ला ने मैदानी अमले को सजगता एवं तत्परता से काम करने की विशेष हिदायतें दी है। जशपुर जिले में 05 जून 2024 को तेज आंधी तूफान के कारण 33 के.व्ही. के 03 फीडर तथा 11 के.व्ही. के 24 फीडर ब्रेकडाउन हो गए थे। विद्युत विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा 33 के.व्ही. के तीनों ठप्प हो गए फीडरों के ब्रेकडाउन को ठीक कर विद्युत व्यवस्था दुरूस्त कर दी गई तथा 11 के.व्ही. के 24 में से 19 फीडरों को रात में चालू कर दिया गया तथा हवा के वेग से कई जगहों पर पेड खंभो एवं तारों में गिर जाने से खंभे एवं तार टूट गए, जिस कारण शेष 05 फीडरों को रात हो जाने से चालू नहीं किया जा सका। शेष 05 फीडरों को अगले सुबह ठीक कर विद्युत व्यवस्था का संचालन सूचारू रूप से कर दिया गया।
इसी प्रकार कुनकुरी, जशपुर एवं पत्थलगांव में ट्रांसफार्मर डी.ओ. उड़ने की 24 तथा फ्यूज ऑफ कॉल की 42 शिकायतें प्राप्त हुई जिसका निराकरण कर दिया गया। जशपुर जिले के कुनकुरी में इस बार आंधी तूफान का केन्द्र बना हुआ है। 02 एवं 03 जून 2024 को भी तेज आंधी तूफान और गरज चमक के साथ बारिश हुई थी, जिससे विद्युत पारेषण एवं वितरण के तंत्र खुले में रहने के कारण प्रभावित हुए थे, जिसे विद्युत अमले के द्वारा सुधार कर सुचारू रूप पुनः संचालन कर दिया गया। मौसम के प्रभाव को देखते हुए जशपुर जिले में विद्युत व्यवस्था सुचारू रखने मुख्य अभियंता, अम्बिकापुर एवं अधीक्षण अभियंता, अम्बिकापुर के द्वारा बगीचा, कुनकुरी, तपकरा, नारायणपुर एवं फरसाबहार का दौरा किया तथा स्थिति को देखते हुए मुख्य अभियंता, अम्बिकापुर के द्वारा 05 सहायक अभियंताओं की 04 जून से 08 जून तक अस्थाई रूप से आपातस्थिति के प्रबंधन हेतु ड्यूटी लगाई गई।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं प्रदेश उर्जा सचिव तथा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनियों के अध्यक्ष श्री पीवदयानंद द्वारा लगातार मुख्यालय स्तर पर मॉनीटरिंग की जा रही है। विद्युत कंपनी द्वारा भी जनता से अपील है कि आपदा से निपटने तथा विद्युत आपूर्ति सामान्य करने में विद्युत कर्मियों को सहयोग प्रदान करें। बिजली के करंट से जनहानी बचाने के लिए ऑटोमेटिक ट्रिपिंग की व्यवस्था भी होती है, इसलिए ऐसे समय में विद्युत उपभोक्ताओं का धैर्य ही सुधार कार्य करने वालों का संबल होता है।