Home बैकुण्ठपुर बैकुण्ठपुर : भू-माफिया के ऊपर प्रशासन का आशीर्वाद ?…………..

बैकुण्ठपुर : भू-माफिया के ऊपर प्रशासन का आशीर्वाद ?…………..

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जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में शासकीय कर्मचारी, पटवारी के सुपुत्र एवं कुछ गुंडे एक गैंग बनाकर, जमीनों की खरीदी व बिक्री कर रहे है। और उन जमीनों पर हरे-भरे लगभग दस वृक्ष थे जो वन औषधि के रूप में कार्य आते है। उन हरे-भरे वृक्ष को विश्वकर्मा व शर्मा बिहारी लोग कटवा रहे है। ये लोग बहुत कमीने किश्म के व्यक्ति है। जो कि पहले एक लड़की से छेड़-खानी के मामले में जेल जा चुके है। वहीं महलपारा में पैसे के बल पर अवैध आरा मिल लगाया गया है। और अधिकारियों को अपने कब्जे में रखकर हरे-भरे पेड़ काटे जा रहे है। जिसमें से दो पेड़ कल काटे गये थे। आज दिनांक 26/05/2024 को भी दो पेड़ काटे जा रहे है। यह मामला पूराने मार्गदर्शन रोड के समीप का है। लोगों के द्वारा हरे-भरे पेड़ कटने की जानकारी कोरिया कलेक्टर को देनी चाही, परंतु उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया। वहीं राजस्व विभाग के एस.डी.एम. को भी फोन लगाया गया। उनके द्वारा भी फोन नहीं उठाया गया। जिसके उपरांत थाना बैकुण्ठपुर में सूचना दिया गया। वहां यह कहा गया कि, आपको लिखित में शिकायत करनी होगी। यह सोचने वाली बात है कि, जिस व्यक्ति को वृक्ष काटने वालों से द्वेष या दुश्मनी लेनी होगी। वही लिखित में शिकायत करेगा। जब पुलिस वालों को जंुआ और दारू की मौखिक सूचना मिलती है तो तुरंत पुलिस वाले पैसे बटोरने चले जाते है। तब उनसे कोई लिखित क्यों नहीं लेता ? अभी-अभी फिर हरे-भरे वृक्ष काटे जा रहे है। जिसको मौके पर देखा जा सकता है। प्रशासन के जितने भी जिम्मेदार व्यक्ति है सभी के मोबाईल बंद है। इससे मालूम पड़ता है कि, प्रशासन व सभी अधिकारियों की इसमें सहमति है। बड़ी सोचने वाली बात है कि, डेढ ब्लॉक का जिला है उसको भी प्रशासन बर्दाबाद करने में लगी हुई है। इस करोंडो की जमीन को खरीदने के लिए पैसा आया कहां से ? बालमिकी पटवारी का सुपुत्र खड़े होकर पेड कटवा रहा है। क्या प्रशासन ने हरे-भरे वन औषधि के पेड़ काटने की अनुमति दी है ? इस संबंध में प्रशासन की विस्तार से जानकारी आयुक्त संभाग अम्बिकापुर को भी अवगत कराया जा चुका है। एवं माननीय विधायक भईयालाल जी को भी बताया जा चुका है। परंतु किसी के कान में तनिक भी जूं नहीं रेंगी। माननीय विधायक जी को इस संबंध में संज्ञान लेना चाहिए। पर उन्होनें ने भी प्रक्रिया पर ध्यान नहीं दिया। इससे यह प्रतीत होता है कि, सहमति उनकी भी है। इसलिए कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। अवैध रूप से मिल को सील किया जाये एवं लकड़ियों को जप्त किया जाये।

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