स्वास्थ्य विभाग ने आम नागरिकों को लू- तापघात से बचाव के लिए समसमायिक सलाह दी है।
स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर व उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न आना, सिर में भारीपन एवं दर्द का अनुभव होना, अधिक प्यास लगना व पेशाब कम आना, भूख कम लगना और बेहोश होना लू- तापघात के लक्षण है।
इनके बचाव के लिए बहुत अनिवार्य हो तो घर से बाहर जाये, धूप में निकलने से पहले सिर एवं कानों को कपड़े से अच्छी तरह से ढक लें, पानी अधिक मात्रा में पिये, अधिक समय में धूप में न रहे, बच्चे, बुजुर्ग एवं बीमार व्यक्ति घर से कम निकले विशेषकर दोपहर 12 बजे से अपरान्ह 4 बजे के मध्य घर से बाहर न जाये, गर्मी के दौरान नरम, मुलायम, सूती हल्के ढीले- ढाले वस्त्र पहनें, धूप में चश्मा, छाता, टोपी एवं जूता पहनकर ही घर से बाहर निकले, अधिक पसीना आने की स्थिति में ओआरएस का घोल, लस्सी, मट्ठा एवं फलों का रसों का सेवन करें, गरिष्ठ एवं मसालेदार भोजन से बचें, यात्रा के समय पानी की बोतल, ओआरएस का पैकिट साथ में रखे। लू- तापघात के लक्षण दिखने पर हितग्राही को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर उपचार के लिये लावें।
लू- तापघात से कृषक, वाहन चालक, यात्री, छात्र, खिलाड़ी या धूप में ज्यादा मेहनत व भ्रमण करने वाले व्यक्ति, मजदूर वर्ग, हाथ ठेले पर सब्जी बेचने वाले, पर्यटक, यातायात पुलिस आदि जनमानस पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है।