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केदारनाथ के कपाट शुक्रवार 10 मई को खुल गए, यहां तक पहुंचने का पूरा प्रोसेस………

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केदारनाथ : क्षेत्र में बर्फबारी के कारण केदारनाथ हर साल नवंबर से मार्च तक 6 महीने के लिए बंद रहता है। नवंबर के बाद, इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी होती है, जिससे यह यात्रा के लिए चुनौतीपूर्ण और असुरक्षित हो जाता है। केदारनाथ की यात्रा के लिए मई से अक्टूबर तक का समय सबसे अच्छा है

ऐसा कहा जाता है कि इनमें से प्रत्येक स्थल भगवान के एक अंश को समर्पित है – केदारनाथ ( भगवान शिव का कूबड़ ), मदमहेश्वर (उनकी नाभि), तुंगनाथ (उनकी भुजाएं), रुद्रनाथ (उनका चेहरा), कल्पेश्वर (उनकी जटा या बाल)।

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग, केदारनाथ धाम का कपाट शुक्रवार, 10 मई को खुल गया। यहां भक्तों के दर्शन करने के लिए बाबा के कपाट साल में 6 महीने के लिए ही खुले रहते है। यह धाम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में पहाड़ियों के बीच स्थित है। उत्तराखंड में स्थित सभी चार धामों, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट अगले 3 दिनों में खुल जाएंगे। अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट खुल गए हैं, जबकि 12 मई को बद्रीनाथ के कपाट भक्तों के लिए खुल जाएंगे।

पिछले साल की तरह इस साल भी चारों धाम पर भक्तों के आने की संख्या को सीमित नहीं किया गया है। हर साल की तरह इस साल भी लाखों की संख्या में भक्तों ने दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया हैं। ऐसे में उनकी सुविधा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि, जितने लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है, वह सभी जा सकते हैं। मान्यताओं के अनुसार, बाबा केदारनाथ 6 महीने ऊखीमठ में प्रवास करते हैं।

बिना पंजीकरण के तीर्थयात्री केदारनाथ मंदिर के दर्शन नहीं कर सकते । चार धाम यात्रा पंजीकरण उन लोगों के लिए अनिवार्य है जो उत्तराखंड में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री या हेमकुंड साहिब के मंदिरों की यात्रा की योजना बना रहे हैं।

अगर आपने चार धाम यात्रा करने के लिए अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, तो आपको तुरंत ये काम करा लेना चाहिए। क्योंकि बिना रजिस्ट्रेशन के आप चारधाम यात्रा नहीं कर पाएंगे। आप रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से करवा सकते हैं। यह रजिस्ट्रेशन इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इसकी हर कदम पर चेकिंग होती है। अगर आप गाड़ी से सफर करेंगे तो ऋषिकेश से ऊपर उत्तराखंड पुलिस आपसे रजिस्ट्रेशन की पूरी जानकारी लेगी। अगर आप पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जाएंगे तो आपको रजिस्ट्रेशन पास की जरूरत गौरीकुंड पर पड़ेगी।

चारधाम यात्रा करने के लिए आपको उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ऑफिशियल वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in के साथ ही  touristcareuttarakhand ऐप पर भी कर सकते हैं। इसके अलावा आप टोल फ्री नंबर 0135 1364 और वाट्सऐप नंबर  8394833833 के जरिए भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

उत्तराखंड में मानसून को देखते हुए बदरी-केदार मंदिर समिति ने केदारनाथ धाम के खुलने व बंद होने के समय में बदलाव किया है। केदारनाथ धाम में अब सुबह 05 बजे से रात 09 बजे तक दर्शन किए जा सकेंगे। अब आम भक्तों के लिए दर्शन के समय में चार घंटे की कटौती की गई है।

12 साल से कम उम्र और 60 से ज्यादा की उम्र के लोगों को यहां की यात्रा से बचना चाहिए क्योंकि ऑक्सिजन लेवल कम रहता है और रास्ते में कई तरह की परेशानियों को झेलना पड़ सकता है।

आप गौरीकुंड या सोनप्रयाग से यात्रा शुरू कर सकते हैं और पर्वतीय मार्ग से धाम पहुंच सकते हैं। यह यात्रा लगभग 14 किलोमीटर (गौरीकुंड से) या 21 किलोमीटर (सोनप्रयाग से) है। राजमार्ग सेवा: धार्मिक यात्रियों के लिए राजमार्ग सेवा भी उपलब्ध है, जिसमें बसें और टैक्सियां केदारनाथ धाम तक जाती हैं।

इस यात्रा में आपको कम से कम 4-5 दिन का समय लग सकता है। यहां जाने के लिये गौरीकुंड तक आप रेल या सड़क मार्ग से जा सकते हैं, लेकिन इसके बाद केदारनाथ तक सड़क मार्ग की सुविधा नहीं है। यह कुल 18 किलोमीटर का रास्ता है जिसमें आपको ट्रेक करते हुए 18 घंटे लग सकते हैं।

 

 

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