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बैकुण्ठपुर : अपने को कांग्रेसी बोलने वाले सरगुजा संभाग के कांग्रेसी के शरण में चले गये ……..

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कोरिया : बैकुण्ठपुर वार्ड नं. 1 में अपने को कांग्रेसी कहने वाले और बैकुण्ठपुर कोरिया के कांग्रेसियों को बर्बाद करने वाले कांग्रेसी जिनकी छवी देखी जाये तो जानकार सूत्र बताते है कि, कुत्ते से भी गिरी हुई है। वार्ड नं. 1 में पार्षद पद पर करोड़ो रूपये खर्च करने के पश्चात् भी अपना सम्मान व जीत हासिल नहीं कर पाये। यह लोग रात में बीजेपी के साथ दिखते है तो दिन में कांग्रेस के साथ दिखते है। इनके पास एक टाईम के खाने का व्यवस्था नहीं था आज वह पूर्व विधायक के आशीर्वाद से दो-तीन मंजील मकान व दर्जनों में जमीने खरीद लिये है। जो कि पार्टी को धनाशाही कर दिया गया है। इन्हें सफेद बगुला भी कहा जा सकता है। क्योंकि जैसे बगुला की स्थिति होती है ठीक वैसा ही कांग्रेसी नेताओं की स्थिति हो गयी है। पूर्व में विधायक को गुमराह करने वाले व्यक्ति आज पूर्व विधायक के साथ नजर नहीं आ रहे है। ऐसे-ऐसे लोग है जो कि करोड़ों में खेल रहे है। अब कांग्रेसी देख लिए है कि, बैकुण्ठपुर में हम लोगों का काम नहीं है इसलिए शशि सिंह सरगुजा प्रत्याशी कांग्रेस को अपनी प्रशंसा व बापबाई लूटने के उद्देश्य से शशि सिंह के साथ खड़े हो रहे है। जानकार सूत्र बताते है कि, जो पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के नजदीक कहलाते थे वही आज कांग्रेस की आलोचना कर रहे है। यह चर्चा का विषय है कि, पूर्व संसद के संबंध में यह भी सुना गया है कि, उन्होनें बैकुण्ठपुर जिले का बटवारा कर दिया गया। उसी प्रकार कांग्रेस को भी अपना जमीर देखना होगा। कांग्रेस जब सत्ता में थी तब अपने समाज के लोगों को एक ही विभाग में 6 लोगों को नौकरी दिलवाया। आज बैकुण्ठपुर जिला में एक ही समाज का वर्चस्व है। जिसके ऊपर हावी हो जाये तो उस व्यक्ति का अस्तित्व खो देते है। आज बैकुण्ठपुर का स्थिति ऐसा है जैसा की किसी गंगा-जमुना का टापू बन कर रह गया हो। देखने वाली बात यह है कि, अब कितने कांग्रेस के हित में कार्य कर रहे है। यह लोग केवल स्वार्थ के लिए बैकुण्ठपुर को बर्बाद कर रहे है। यहां तक की अपने व्यापार में फर्जी ढंग से प्रशासन को सप्लाई देकर कामयाब हो रहे है। जो जिस जगह है वह उस जगह में व्यापार का लाभ उठा रहा है। जैसे- बगुला की चोंच लम्बी होती है उसी प्रकार यहां के कांग्रेसियों का भी चोंच लम्बी हो गयी है। कारण यह है कि, पूर्व विधायक ने बैकुण्ठपुर के किसी कांग्रेसी को पूछ-परख नहीं किया। आज कांग्रेस की स्थिति धनाशाही जैसी हो गयी है। जबकि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने मनेन्द्रगढ़ को जिला बनाने से कांग्रेस को कोई भी लाभ नहीं मिला। लाभ मिला होता तो मनेन्द्रगढ़ की दोनों विधानसभा धनाशाही न होती। इस आकलन से बैकुण्ठपुर और एम.सी.बी. जिला को विधानसभाओं से तुलना किया जाये तो लोकसभा का भविष्य क्या होगा ?

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