बैकुण्ठपुर में पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी के नेतृत्व में सड़कों का निर्माण किया गया है। वह सभी निर्माण कार्य घटिया किया गया है। देखने व सुनने वाली बात है कि, आज सब्जी मंडी बाजार से लेकर वार्ड नं. 14 बाईसागरपारा तक का रोड एक सप्ताह भी नहीं हुआ है और गिट्टियां चमकने लगी है। इसमें सीमेंट नाम की चीज ही नहीं है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी की विशेषताऐं –
बैकुण्ठपुर नगर पालिका से कोई भी किसी प्रकार का जानकारी लेना चाहे या फाॅन लगाकर बात करके जानकारी प्राप्त करना चाहे, फिर भी जानकारी नहीं मिलती है। क्योंकि अधिकारी कभी कार्यालय में नही बैठते है। कभी-कभी नगर पालिका में भुले-भटके मिल जाये तो बड़ी बात है। उनका निवास ही इनकी कार्यालय है। शासन का पूरा पैसा कमीशनखोरी में चला गया । बार-बार समाचार को लिखा जा रहा है। परंतु कोरिया प्रशासन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। सी.एम.ओ. केवल नयी-नयी ठेकेदार को रखते है जो कमीशन ज्यादा देते है।
जानकार सूत्र बताते है कि, अशोक विश्वकर्मा के मील से जलाऊ लकड़ी के नाम से लिया जाता है उसमें भी फर्जी बिल बनाये जाते है। जैसे- पानी ट्रेक्टरों के बिलों का पैसा भी फर्जीवाड़े से निकाला जा रहा है। कुछ कर्मचारी ऐसे भी है जो पत्रकारिता की धौस में फर्जी ढंग से वेतन ले रहे है। जबकि पत्रकारता की गाईड लाईन पढ़ा जाये व संविधान पढ़ा जाये तो एक ही व्यक्ति पद का लाभ उठा सकता है। परंतु बैकुण्ठपुर में ऐसे-ऐसे पत्रकार के नाम पर धब्बा है जो कि 3-4 लाभ उठा रहे है। पर क्या किया जाये ? कोरिया प्रशासन को ऐसे चापलूस पत्रकारों को संभाल कर रखे हुए है। जो कि केवल प्रशासन का तूती बजाते है। और झूठी खबरों को प्रकाशित करते है। जो प्रशासन की झूठा समाचार प्रकाशित कर सके वही पत्रकार सबसे बड़ा हो जाता है। वसूलीबाज पत्रकारों ने एक नियम बना निया है जो पैसा नहीं देगा, उसी के खिलाफ हम छापेंगे। इसका मतलब यह है कि, पत्रकारता एक व्यापार बन गया है।